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Chapter 63

chapter 63

Love With My Beast Husband

अब आगे ....,     खुराना मेंशन.....      रात्रि इस वक्त सर्वाक्ष के ऊपर लेटे-लेटे ही सो गई थी | वही सर्वाक्ष उसके बालों में हाथ फिराते हुए अपने किसी सोच में गुम था ,या यूं कहे कि वह रात्रि के बारे में सोचते हुए थोड़ा परेशान सा लग रहा था l  करीब 1 घंटे बाद रात्रि कसमसाते हुए  अपने आंखें खोलने लगी, उसका चेहरा इस वक्त सर्वक्ष के सीने में चिपक गया था और उसे नींद में ही महसूस हो रहा था कि सर्वाक्ष अभी भी उसके सर को सहला रहा है |      रात्रि धीरे से अपना सर ऊपर कर सर्वक्ष को देखी, सर्वाक्ष अपने ही खयालों में इस कदर गुम हो गया था कि उसे रात्रि का नींद से जागने का भी खबर नहीं रहा था l     वहीं रात्रि एक तक सर्वाक्ष का यूंही कहीं खोया हुआ सा चेहरा ही देख रही थी l अचानक से उसके आंखें छोटी हो गई ,वह उसे घूरते हुए गुस्से से बोली,""_  आप ऐसे किसके खयालों में खोए हुए है ? मैं तो यही हूं ,आपके बाहों में हूं, फिर भी आपका ध्यान मुझ पर नहीं है, क्या चल रहा है आपके दिल और दिमाग में ?"   रात्रि के ऐसे शक भरी सवाल सुन सर्वाक्ष अब उसे ही बिना भाव के देखने लगा था | वह फिर उसे उठा कर अपने गोद में अच्छे से बैठाते हुए कहा ,""_ मेरे दिल और दिमाग में हर वक्त चुड़ैल की तरह तुम ही पहरा देती रहती हो बीवी, तुम्हारा ही बदौलत है, तुम्हारी वजह से मुझे किसी और के बारे में सोचने तक का वक्त नहीं मिल रहा है और कोई तुम्हारी डर से मेरे दिल में आ भी नही रहा | "   रात्रि की बाहें तन गए l उसका यह बीस्ट हसबैंड उससे आखिर कहना क्या चाहता है ? वह गुस्से से बोली,""_ क्या कहना चाह रहे हैं आप ? कही ऐसा तो नहीं कि आप किसी और के बारे में सोचने के लिए,और अपने दिल में किसी और को घुसाने के लिए मेरा परमिशन चाहते है ? "   रात्रि जैसे-जैसे सर्वाक्ष से उटपटांग सवाल कर रही थी, वैसे-वैसे उसका वह छोटू सा चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था | वहीं सर्वाक्ष के होंठो पर टेढ़ी स्माइल आ गई थी | वह रात्रि को ले कर वही बेड पर गिरा,फिर उसके दोनों गालों पर किस करते हुए काटने लगा l     " अअह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह......| "       रात्रि एक दम से कराह उठी,वही सर्वाक्ष बिना रुके अपने हरकत ऐसे ही जारी रखते हुए उसके पूरे चेहरे पर किस करते हुए काटने लगा |     रात्रि का चेहरा पूरी तरह चीड़ गया था l वह गुस्से से उसे दूर धकेलने की कोशिश भी कर रही थी ,लेकिन सर्वाक्ष को हिला पाना भी उसके लिए कहां मुमकिन था ? वह मुंह फुला कर ऐसे ही उसे घूरने लगी |      वही सर्वाक्ष को उसे ऐसे सताने मे बड़ा ही मजा आ रहा था l वह उसे ऐसे ही थोड़ी देर सताता रहा, फिर वह शांत होते हुए कहा ,""_ दादू, दादी कब से तुम्हारा ही नीचे इंतज़ार कर रहे है |      रुक्मणि और भावेश का नाम सुनते ही रात्रि के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गई | लेकिन अगले ही पल उसका चेहरा गुस्से से भर गया | वह सर्वाक्ष को घूरते हुए बोली,""_ अच्छा हुआ दादू, दादी यही है, मै अभी जा कर उनसे आपके सारे कारनामे बताती हु | "    " कारनामे ..? " सर्वाक्ष उसे ही सवालिया निगाहों से देखते हुए पूछा ,तभी रात्रि उसे खुद से अलग कर उठते हुए बोली,""_ हां कारनामे..? आज कल आपका गुस्सा मुझ पर ज्यादा ही फूट रहा है और अभी अभी आप कह रहे थे की आपको मेरी वजह से किसी और के बारे में सोचने तक का भी वक्त नहीं मिल रहा है ,मतलब आप अब किसी और को चाहने लगे है ,right ? मैं अभी दादी दादू से आपका बैंड बजवाती हु | "    बोलते हुए रात्रि अपने कपड़े ठीक की फिर रूम से बाहर चली गई |    वही सर्वाक्ष एक तक उसे ही जाता हुआ देख रहा था l  रात्रि की इतनी सारी बकवास सुन उसका सर अब घूमने लगा था,उसने अपना सर झटकाया फिर क्लोसेट रूम में चला गया | थोड़ी देर बाद वह भी नीचे चला गया |       वही नीचे हाल में माहौल इस वक्त ज्यादा ही खुशनुमा था | पूरे हाल को इस वक्त हर कलर के बलून से डेकोरेट किया गया था और इस वक्त एक बड़े से केक के सामने खड़ी रात्रि को रुक्मणी गले में कुछ पहना रही थी, जिससे रात्रि का चेहरा ज्यादा ही खिलखिला रहा था |       वही ध्रुव और रवीश उनके थोड़ी ही दूरी पर खड़े थे | वह दोनो सिर्फ रात्रि को ही देख रहे थे l तभी रवीश ने धीमी आवाज में ध्रुव से कहा ,""_भाभी इतना खुश लग रही है ,मतलब अक्ष ने उन्हे जाने की बात अभी तक नही बताई | "    ध्रुव ने अपना सर सहमति में हिलाते हुए कहा ,""_ हां,वरना यह इतना खुश कैसे नजर आती ? "   तभी उन दोनो की नज़र सीढियों से उतर कर नीचे आ रहे सर्वाक्ष पर गई | सर्वाक्ष अपने दोनो हाथ को जेब में रख कर रात्रि को देखते हुए ही नीचे आ रहा था l वह फिर ध्रुव और रवीश के बगल में ही जा कर खड़ा हुआ |           तभी रवीश ने उससे पूछा ,""_ तुमने भाभी को अभी तक जाने की बात नहीं बताई | "   सर्वाक्ष ने उसे एक नजर देखा फिर अपना सर ना में हिला कर कहा ,""_ नही...,| "   रवीश उससे आगे कुछ कहने को हुआ की तभी वहा एक गार्ड आ कर उनसे कहा ,""_ बॉस..., ऋजुल ठाकुर आपसे मिलने ,घर आए है | "        यह सुन रवीश,और ध्रुव एक तक  सर्वाक्ष को देखने लगे | वही सर्वाक्ष का औरा एक दम से डार्क हो गया था | उस दिन पार्टी में सर्वाक्ष ऋजुल को ही नोटिस किया था l क्यों की ऋजुल और एकांश की नजर सिर्फ रात्रि पर टिका था | और जब वह उनसे बात करने सोचा तो वह दोनो क्रियाँश जादव से मिलने लगे थे | पूरे पार्टी के दौरान उन तीनो का आपस में बात करने में ही वक्त निकल गया था और सर्वाक्ष को उससे किसी भी तरह बात चीत करने का मौका नही मिला था और उसके अलावा भी सर्वाक्ष ने पार्टी के बाद ऋजुल के बारे में पता करने की कोशिश की थी लेकिन उसे ऐसा कुछ इनफॉर्मेशन नही मिला था,जो उसके और रात्रि से जुड़ा हो l लेकिन सर्वाक्ष को इतना अंदाजा हुआ था की ऋजुल रात्रि से अब मिलने के कोशिश जरूर करेगा और उसका अंदाज आज सही भी निकाला था |     सर्वाक्ष अपने गार्ड से कहा ,""_ उन्हे स्टडी रूम में ले जाओ और ध्यान रहे ,गलती से भी उनकी नजर रात्रि पर ना जाए समझे ? "   गॉर्ड ने अपना सर हिलाया और वहा से सीधे बाहर चला गया l वही रवीश और ध्रुव सर्वाक्ष को ही सवालिया नजरो से देख रहे थे | वही सर्वाक्ष को समझ आ गया था की वह दोनो उससे क्या जानना चाह रहे है ? उसने कहा,""_ हम इसके बारे में बाद में बात करते है | " बोलते हुए सर्वाक्ष रात्रि के पास गया | रात्रि भावेश और रुक्मणि के साथ अभी भी बाते ही कर रही थी | सर्वाक्ष ने कहा ,""_ अगर अपनी बकवास बातो से फुरसत मिली तो केक कट भी करना चाहोगी ? "    सर्वाक्ष की ताने भरी बाते सुन रात्रि अपने कमर में दोनो हाथ रख कर उसे घूरने लगी l रूखमणि और भावेश भी सर्वाक्ष को रात्रि जैसे ही घूरने लगे | उनका यह पोता इतना खड़ूस क्यू है ? लेकिन सर्वाक्ष को इससे कोई फरक नही पड़ा |     उसने टेबल पर रखे हुए नाइफ उठाया फिर रात्रि के तरफ बढ़ाते हुए आंखो से ही इशारा कर कहा की अब केक कट करे | रात्रि उसे घूरते हुए ही नाइफ ली और केक काटने लगी |       सर्वाक्ष उसके लिए ग्रैंड पार्टी ऑर्गेनाइज करना चाहता था लेकिन रात्रि आज ज्यादा ही थकी हुई थी और ऊपर से उसे पैनिक अटैक आने से वह चाहता था की रात्रि सिर्फ रेस्ट करे और उसे रेस्ट की सख्त जरूरत भी थी |      रात्रि ने केक काटा फिर केक का टुकड़ा लिए पहले रूखमणी और भावेश को खिलाया | फिर सर्वाक्ष को खिलाने के बजाए सीधे वह ध्रुव और रवीश के पास चली गई | और उन्हे केक खिला कर उनसे गिफ्ट ली | भावेश और रुक्मणि की तरफ से उसे पहले से ही गिफ्ट मिल गया था l वह मुड़ कर नाराजगी से सर्वाक्ष को देखने लगी ,सर्वाक्ष ने उसे अभी तक कोई गिफ्ट नही दिया था बस रात को उसने सबसे पहले विश किया था |     सर्वाक्ष अपने जेब में दोनो हाथ रख कर बस उसे ही देख रहा था l वह खुद ही बढ़ कर केक का टुकड़ा लिया फिर रात्रि के करीब जा कर उसे खिलाया l       रात्रि फिर उसके हाथ से ही उसे केक खिलाई | सर्वाक्ष फिर अपने हाथ साफ करते हुए कहा ,""_ मुझे कुछ काम है , मैं आता हु | "    रात्रि की आंखे छोटी हो गई | वह गुस्से से बोली,""_ मेरा गिफ्ट कहा है अक्ष...? "      सर्वाक्ष के कदम रुक गए | वह मुड़ कर रात्रि के तरफ देखने लगा | वही रात्रि का पूरा चेहरा गुस्से से फूला हुआ था l वह मुड़ कर रुक्मणी और भावेश से बोली,""_ देखा दादू, दादी,यह मुझे गिफ्ट तक नही दे रहे ,आज इनके साथ मेरे पहला जन्म दिन है लेकिन इनसे ठीक से विश भी नही किया गया | "     बोलते हुए रात्रि शिकायत भरी नजरो से सर्वाक्ष को देखने लगी | तभी सर्वाक्ष उसके करीब आते हुए कहा ,""_ मैने कुछ दिन पहले ही तुम्हे इतना बड़ा गिफ्ट दिया है ,वह काफी नही है तुम्हारे लिए ? "    " गिफ्ट...? आप कितने झूठे है अक्ष..? कुछ दिन पहले आपने मुझे कोई गिफ्ट ही नही दिया | " सर्वाक्ष की बात पर रात्रि गुस्से से बोली | वही सर्वाक्ष की नजर अब रात्रि के टमी पर टिका था |     वह उसके बेहद करीब आ कर उसके टमी पर हाथ रखते हुए कहा ,""_ यह काफी नही है तुम्हारे लिए ..? "   रात्रि का चेहरा शर्म से लाल हो गया | वही भावेश ने कहा,""_ बेशर्म कही का .? पूरी तरह यह मेरे नालायक,निकम्मे बेटे पर गया है | "    भावेश की बात सुन ध्रुव और रवीश की हंसी छूट गई | वही रुक्मणि बोली,""_ सही कह रहे है आप ,वह नालायक भी ऐसे ही बहु को सताया करता था | "    सर्वाक्ष को ऐसे ही डांट लगाते हुए वह दोनो अपने रूम के तरफ चले गए | वही रात्रि का चेहरा लाल हो गया था | वह सर्वाक्ष के हाथ को अपने टमी से हटा कर थोड़ा हकलाते हुए बोली,""_आ.... आप बहुत बे...बेशर्म है अक्ष...,जाइए आप ...| "   बोलते हुए रात्रि अपने रूम के तरफ भाग गई | वही सर्वाक्ष के होंठो पर टेढ़ी स्माइल आ गई थी |      वह एक नजर रवीश और ध्रुव को देख सीधे स्टडी रूम चला गया | रवीश भी सर्वाक्ष के पीछे स्टडी रूम के तरफ चला गया l वही ध्रुव का फोन जो साइलेंट मोड में था ,वह लगातार रिंग हो रहा था l     ध्रुव ने फोन चेक किया,फिर कॉल काट कर सीधे मेंशन से बाहर चला गया l    स्टडी रूम.....      सर्वाक्ष अपने दोनो हाथ जेब में रख कर बेहद ठंडेपन से सामने खड़े ऋजुल ठाकुर और एकांश को देख रहा था l वही उसके सामने खड़े ऋजुल ठाकुर और एकांश के हाव भाव भी नरम नही थे l वह दोनो भी सर्वाक्ष को उसी नजरिया से देख रहे थे जिस नजरिया से सर्वाक्ष उन्हे देख रहा था l       तभी वहा रवीश भी आया | ऋजुल ठाकुर ने कहा ,""_ मुझे अपनी बेटी से मिलना है l "    सर्वाक्ष की आइब्रोज सिकुड़ गए | तभी ऋजुल ने आगे कहा ,""_ तुम्हारी बीवी रात्रि मेरी बेटी है मिस्टर खुराना , मैं यहां अपनी बेटी रात्रि ऋजुल ठाकुर से मिलने आया हु | "    सर्वाक्ष एक टक ऋजुल को देख रहा था l उसे ऋजुल की बातो पर बिलकुल विश्वास नहीं हुआ l होगा भी कैसे ?  सर्वाक्ष ने पार्टी में जब से ऋजुल को क्रियाँश जादव के साथ देखा था तब से सर्वाक्ष ने यही समझ लिया था की ऋजुल क्रियाँश से जुड़ा हुआ है l और क्रियाँश का मकसद तो सर्वाक्ष को अच्छे से पता था l वह रात्रि को पाना चाहता था और उसके करीब आना चाहता था लेकिन सर्वाक्ष के रहते यह कभी मुमकिन नहीं था l     वहीं सर्वाक्ष को कुछ भी ना कहता देख ऋजुल ने कहा ,""_ रात्रि कहा है मिस्टर खुराना ? आज उसका जन्म दिन है और मैं उससे मिलना चाहता हु | "   तभी रवीश ने कहा ,""_ माफिया डॉन के मुंह में ऐसी झूठ शोबा नही देते मिस्टर ठाकुर l "      ऋजुल की हाथो की मुट्ठी भींच गए l वही एकांश का चेहरा भी गुस्से से भरा था l वह बोला ,""_ हम यहां रात्रि से मिलने आए है आप लोग उन्हे बुला रहे है या हम ...? "   सर्वाक्ष का हाव भाव अब तक ज्यादा ही सर्द हो गया था l वह अपना सर टेढ़ा कर अपने गर्दन मसलते हुए ऋजुल से ठंडे लहजे में कहा ,""_ जैसे आए है वैसे जाएंगे ,या मुझे अपने गार्ड्स का मदद लेना पड़ेगा ,मिस्टर ऋजुल ठाकुर | "    ऋजुल ठाकुर के गुस्से से दांत भींच गए l     दूसरी तरफ....     ध्रुव का कार आ कर मीरा के अपार्टमेंट के समाने रुका | वही ड्राइविंग सीट पर बैठे ध्रुव ने एक नजर मीरा के रूम के तरफ देखा ,मीरा इस वक्त बार बार उसी को कॉल ट्राई करते हुए बाल्कनी में इधर से उधर टहल रही थी l उसका चेहरा इस वक्त चिड़ा हुआ था क्यों की वह कब से ध्रुव को कॉल करने की कोशिश कर रही थी लेकिन ध्रुव उसके काल को कभी इग्नोर कर रहा था तो कभी काट रहा था l      " एक बार मेरा कॉल पिक करते तो इनका क्या जाता ? कब से ट्राई करते हुए परिशान हो रही हु और यह है की कभी काल को इग्नोर करते तो कभी काटते l " मीरा बड़बड़ाते हुए इधर उधर टहल रही थी की तभी उसे बालकनी में कुछ कूदने की आवाज सुनाई दिया l      मीरा रुक कर आस पास देखने को हुई की तभी पीछे से ध्रुव आ कर उसके मुंह पर हाथ रखा ,फिर उसे उसके रूम में ले गया l   " Mmmmm ummmm....| " डर के मारे मीरा उससे छुटने के लिए छटपटाने लगी लेकिन ध्रुव का परफ्यूम स्मेल से उसे लगने लगा की वह ध्रुव ही है l और मीरा अब ध्रुव का छुअन को अच्छे से पहचानने लगी थी l वह धीरे धीरे शांत होने लगी l     वह फिर उसके तरफ मुड़ने को हुई की तभी ध्रुव उसे कमर से पकड़ कर पीछे से ही अपने आपसे चिपका कर उसके मुंह से अपना हाथ हटाया,फिर उसके गाल पर जोर से चूमा l     ध्रुव की इन हरकतों से मीरा एक पल के लिए अपने जगह में ही जम गई थी l लेकिन अगले ही पल उसका चेहरा गुस्से भर गया l      To be continued........ Hi Guy's aap meri dusri story bhi try kar sakte hai ,story meri library me hi mil jaayega .....!  " Mister president's Cold Love "यह कहानी है रक्ताक्ष अग्निहोत्री की जो देश का सबसे यंगेस्ट मगर बेहद कॉम्प्लिकेटेड और cunning पर्सनालिटी रखने वाला कोल्ड प्रेसिडेंट है l इसकी बातें जाल की तरह है। और नज़रें चील की तरह! रक्ताक्ष एक ऐसा इंसान था। जिसकी फितरत में ही शिद्दत से नफरत पूरी करना था। हर लड़की की यह सपना है लेकिन इस रक्ताक्ष के पत्थर जैसा दिल किसी के लिए नही धड़कता | लेकिन अब उसकी नजरों में एक मासूम सी रूवा आई है। लेकिन रुवा को रक्ताक्ष से हुई पहली मुलाकात में ही उसके साथ होना पड़ा इंटीमेट। पहली मुलाकात में ही रक्ताक्ष ने उसके दिल में अपने लिए नफ़रत पैदा कर दी थी। क़िस्मत की चाल से अनजान वो रुवा रक्ताक्ष के इरादों के जाल में कैद। क्या होगा जब ख़ुद रक्ताक्ष आएगा उस जाल को बुनने उसके सामने? क्या लाएगी कयामत इस पत्थर दिल इश्क़ की कहानी में ? होगी आबाद या होगी बरबाद ? जानने के लिए पढ़िए "Mister President's Cold Love" सिर्फ "Pocket Novel" पर।

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