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Chapter 62

chapter 62

Love With My Beast Husband

 अब आगे......,      सर्वाक्ष का रूम....      रात्रि का इस तरह आ कर टकराने से सर्वाक्ष के बदन में एक दम से करेंट सा दौड़ गया था l वह इस वक्त शर्टलेस था और रात्रि के गरम होंठ सीधे उसके सीने को ही छू गए थे l जिससे सर्वाक्ष बर्फ जैसे अपने जगह में ही जम गया था |    वही रात्रि धीरे से अपना सर ऊपर कर सर्वाक्ष को देखी l सर्वाक्ष उसके तरफ देख नही रहा था लेकिन उसके चेहरे के एक्सप्रेशंस रात्रि को अच्छे से बयां कर रहे थे की उसके करीब आते ही सर्वाक्ष में कितना हलचल मची है ?          रात्रि धीरे से अपने नाक के नोक को उसके सीने में घूमाते हुए सर्वाक्ष के हाथ में अपना हाथ फसाने को हुई लेकिन सर्वाक्ष के दोनो हाथ आपस में ही मुट्ठी में भींच गए थे l       यह देख रात्रि के होंठ मुड़ गए l वह सर्वाक्ष के सीने में ऐसे ही हरकत करते हुए अपने हाथ को सर्वाक्ष के जांघ पर रख कर इधर उधर सरकाने को हुई  की तभी सर्वाक्ष ने कसके उसके हाथ को पकड़ लिया l     वही रात्रि की चेहरे पर बेहद तिरछी स्माइल आ गई थी l वह अपना टुडी को उसके सीने में टिका कर सर्वाक्ष के बहकी हुई आंखो मे देखने लगी l सर्वाक्ष उसे अब घूरते हुए उसके हाथो में से अपने हाथ छुड़वाने की कोशिश कर रहा था क्यों की अब रात्रि उसके उंगलियों में अपने उंगलियां फसा कर उसके हथेली को अजीब तरह से रब कर रही थी l    सर्वाक्ष पूरी तरह बहक गया था l लेकिन वह रात्रि से अभी भी नाराज था l उस लड़की ने उसकी बात नही माना जिस वजह से युवान ने सीधे उस पर हमला कर दिया था और वह उससे यह भी जानना चाहता था की उस सुनसान रास्ते में रात्रि ऐसे घबाराह कर  चिल्लाई क्यों ? लेकिन रात्रि ने उसके सवाल को भी ऐसे अनसुना कर दिया था जैसे वह उससे कुछ पूछा ही ना हो ?      रात्रि एक टक सर्वाक्ष के बहकी आंखो में देख रही थी l वह धीरे से अपने पंजों के बल खड़ी हो कर उसके टुडी पर किस कि l रात्रि का यह किस बेहद मदहोश भरा था l    रात्रि के हर एक छुअन को मेहसूस कर सर्वाक्ष का बदन रिएक्ट कर रहा था l सर्वाक्ष कसके अपने आंखे बंद कर एक गहरी सांस लिया फिर उसे खुद से दूर कर वार्डरोब के तरफ जाने को हुआ लेकिन रात्रि का उसे छोड़ने का मूड कहा था ? वह उसके बेहद करीब जा कर उसे पहले सोफे पर धकेला फिर धीरे से अपने कंधे से अपने ड्रेस को नीचे सरकाते सर्वाक्ष के करीब जाने लगी l    वही सर्वाक्ष के आंखे छोटी हो गई थी l वह घूर कर रात्रि को देखते हुए कहा ,""_ यह क्या कर रही हो तुम ? और आज कल तुम.....? "    सर्वाक्ष अपने बात पूरा भी करता उससे पहले ही रात्रि उसके बेहद करीब झुक कर उसके होंठो पर उंगली रख कर उसे आगे कुछ भी कहने से रोक लिया l     सर्वाक्ष एक टक उसे ही देख रहा था ,लेकिन उसकी नजरे बार बार अब रात्रि के सीने पर जा कर टिक रही थी क्यों की ड्रेस को कंधे से नीचे सरकाने से उसके गोरा बदन ज्यादा ही रिवील हो रहा था l    सर्वाक्ष अपना थूक निंगलते हुए उसके हाथ को हटा कर दुसरी तरफ देखने लगा l वही रात्रि का इरादा तो आज उसे पूरी तरह हिला कर रखने का था l    वह उसके गोद में बैठ कर,सर्वाक्ष का हाथ उठा कर सीधे अपने सीने पर रखवा दिया, सर्वाक्ष अब उसे ही घूरने लगा था l वही रात्रि की होंठो पर बेहद खतिलान मुस्कान बिखरा हुआ था l रात्रि सर्वाक्ष के चेहरे पर अपने पतले और गरम उंगलियां घुमाते हुए अपने होंठो को सीधे उसके गाल पर रखा ,फिर हल्के से प्रेस करते हुए अपने होंठो को सर्वाक्ष के कान के पास गई l      सर्वाक्ष के आंखे अब कसके भींच गए थे l वह रात्रि से अपने भारी और कर्कश आवाज में कहा ,""_ Don't do this bivi....ummm | "    सर्वाक्ष अपने बात पूरा भी करता उससे पहले ही रात्रि ने उसके इयरलोब को काटते हुए चूमा | सर्वाक्ष के मुंह से अपने आप आह निकल गया था l      वही रात्रि सर्वाक्ष के गर्दन में अपना चेहरा छुपाते हुए भारी भारी से किस करने लगी l सर्वाक्ष के हाथ अपने आप रात्रि के कमर में आ ठहरे थे l और उसकी उंगलियां रात्रि के कमर पर जोर डालते हुए दबा भी रहे थे l     वही रात्रि धीरे धीरे सर्वाक्ष के गर्दन को गिला करते हुए अपने होंठो को सर्वाक्ष के टुडी तक ले आई l सर्वाक्ष का दिल मानो पगालों की तरह धड़कने लगा था l वह खुद को बहकने से रोकने का पूरी कोशिश कर रहा था ,लेकिन रात्रि का एक एक किस भी उसे अजीब सा प्यास लगा रहा था l     वही रात्रि अपने होंठो को सर्वाक्ष के होंठो के करीब ले गई लेकिन उसके होंठो को छुने के बजाए उसके होंठो के किनारे अपने गुलाबी होंठो को रख कर दबा दिया l सर्वाक्ष के होंठ उसकी हरकत से हल्के से ओ शेप में खुल गए थे l  वही रात्रि अपने गरम सांसों से सर्वाक्ष के पूरे चेहरे को छूते हुए सर्वाक्ष के हाथो पर अपने हाथ रख दिया l क्यों की रात्रि जैसे जैसे उसे किस कर रही थी वैसे कैसे सर्वाक्ष रात्रि के कमर को दबा रहा था l       सर्वाक्ष बेहद नशे से रात्रि को देखने लगा l रात्रि भी उसे बेहकाते बेहकाते खुद ही बहक चुकी थी l वही सर्वाक्ष उसके कमर पर रखे हुए अपने दोनो हाथो को ऊपर की तरफ सरकाते हुए उसके चेहरे को अपने हाथो में भरा फिर अपना सर टेढ़ा करते रात्रि के चेहरे पर मदहोशी से चूमने लगा l    रात्रि के हाथ उसके हाथो में ही सरक रहे थे l वह फिर सर्वाक्ष के बालो में उंगलियां फिराने लगी l सर्वाक्ष बेहद प्यार से कभी उसके बंद पलकों पर अपने होंठ रखता तो कभी रात्रि की मुलायम सी गालों पर,रात्रि की अब आहे निकल रही थी l    वही सर्वाक्ष उसके नाक के नोक को चूम कर उसके होंठो के तरफ बढ़ गया l रात्रि उसके बालो में हाथ चला रही थी लेकिन अचानक से उसका मुंह बिगड़ गया l      वह जल्दी से सर्वाक्ष को खुद से दूर धखेल कर वाशरूम में भाग गई l    अचानक से इस तरह रात्रि का दूर धकेलने से सर्वाक्ष को कुछ समझ नही आया था l वह हैरानी से वॉशरूम के तरफ देखने को हुआ की उसे अंदर से रात्रि की उल्टियां करने की आवाज सुनने लगी l         सर्वाक्ष जल्दी से उठ कर वाशरूम में चला गया l रात्रि इस वक्त उल्टी करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसके मुंह से कुछ नही निकल रहा था l   सर्वाक्ष उसके पास जा कर उसका पीठ सहलाने लगा l तभी रात्रि अपना सर ऊपर कर सर्वाक्ष को देख बोली,""_ अक्ष,मुझे वॉमिटिंग फिल हो रही है | "   सर्वाक्ष उसके गाल को सहलाते हुए उसे अपने करीब कर बोला ,""_ प्रेगनेंसी में यह सब कॉमन है बीवी | "   रात्रि का मुंह बिगड़ गया l वह उससे लिपटते हुए रूंधली सी आवाज में बोली,""_ लेकिन मुझे बहुत अजीब लग रहा है अक्ष,आप ध्रुव भाई से इसका कोई इलाज़ क्यों नहीं पुछते? "   सर्वाक्ष उसे अपने गोद में उठा कर रूम में ले जाते हुए कहा ,""_ mmm, ठीक है ,मैं उससे बात करता हु | "   दूसरी तरफ.....ऋजुल ठाकुर का विला .....,    ऋजुल के इस विला को इस वक्त किसी दुलहन की तरह सजाया जा रहा था | जैसे वहा आज कोई जश्न ही मनाए जा रहा हो |          वही हाल में इस वक्त एकांश फोन पर किसी से बात करते हुए इधर से उधर टहल रहा था l उसकी नजर बार बार ऋजुल के रूम के तरफ भी जा रहा था l    थोड़ी देर बाद एकांश कॉल को काट कर सीधे ऋजुल के रूम के तरफ चला गया l          वही ऋजुल ठाकुर इस वक्त किंजल के तस्वीर के सामने खड़ा था | उसके चहरे पर अलग ही चमक नजर आ रहा था l वह आज ज्यादा ही खुश लग रहा था l     ऋजुल मुस्कारते हुए किंजल का तस्वीर देख रहा था l वह बोला ,""_ किंजल,आज हमारी बेटी की जन्म दिन है और मैं उससे मिलने जा रहा हु ,मुझे नही पता सच्चाई जानने के बाद रात्रि कैसे रिएक्ट करेगी ? मुझे अपनाएगी भी या नही,लेकिन मैं अब उससे और दूर नही रह सकता किंजल | "   बोलते हुए ऋजुल बाहर जाने को हुआ की तभी उसके रूम का डोर नॉक हुआ l वह फिर डोर ओपन करा l   " What happened Ansh..? "  सामने खड़े एकांश को देखते हुए ऋजुल ने उससे सवाल करा |    एकांश के चेहरे पर इस वक्त अजीब से एक्सप्रेशन थे ,वह थोड़ा परिशान भी लग रहा था और थोड़ा कन्फ्यूजन भी | वह ऋजुल से बोला ,""_ spy team से पता चला की क्रियाँश जादव वापस रश्या चला गया है | "      ऋजुल के आइब्रोज आपस में ही जुड़ गए | वह एकांश से कहा ,""_ Are You Serious Ansh..?     एकांश अपने फोन में उसे कुछ स्क्रोल करते हुए दिखाया l फिर उससे कहा ,""_ यह सारे तस्वीरें आज सुबह ही लिया गया है ,वह लौटा है अंकल | "    ऋजुल ठाकुर के चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई l वह बोला,""_ He is always cheater in game Ansh...., वह लौटा नही बस एक कदम पीछे लिया है ताकि दुगनी तेजी से आ कर अपना मकसद पूरा कर सके ,i know him very well ...,He is a such bas**d  "     ऋजुल की बात सुन एकांश ने कुछ नहीं कहा, वह थोड़ी देर पहले अपने spy टीम की तरफ से आई इस न्यूज को सच समझा था लेकिन ऋजुल की बात सुन उसे क्रियाँश का इस तरह अचानक से रश्या लौटने के पीछे क्या मकसद है अब पता चला था l      वही ऋजुल एक तक अपने बियर्ड पर उंगली फिराते हुए क्रियाँश जादव के बारे में सोच रहा था l क्रियांश कोई लोकल गुंडा नही था बल्कि वह रश्या का माफिया किंग था l लेकिन चाह कर भी वह सर्वाक्ष का सामना नहीं कर पा रहा था |    इंडिया आते ही उसने सर्वक्ष को खत्म करना चाहा लेकिन रात्रि के जिद के वजह से सर्वक्ष फ्रांस पहुंच ही नहीं पाया था l और वह फिर सीधे रात्रि पर हमला करने का सोचा लेकिन सर्वक्ष रात्रि के आस पास ज्यादा ही हाई  सिक्योरिटी मेंटेन कर रखा था l     क्रियांश किसी भी तरह से ना रात्रि के करीब बढ़ पता और नाही वह सर्वाक्ष का कुछ कर सका लेकिन वह हार मानने वालों में से नहीं था l      खुराना मेंशन......,        सर्वाक्ष इस वक्त स्टडी रूम में रवीश और ध्रुव से कुछ डिस्कस कर रहा था l तीनो के चेहरे के हाव भाव ज्यादा ही खराब लग रहे थे l     तभी रूम का डोर नॉक हुआ | तीनो की नजर डोर के तरफ गई l तभी रविश ने कहा ,""_ कोन है ? "    बाहर इस वक्त सर्वाक्ष का असिस्टेंट खड़ा था | उसने रवीश को जवाब में अपना नाम बताया तो रवीश उठ कर डोर ओपन करा ,तो वह असिस्टेंट अंदर आ कर सर्वाक्ष को ग्रीट करते हुए कुछ अपडेट्स देने लगा |      सर्वाक्ष अपने रिवॉल्विंग चेयर को इधर उधर घुमाते हुए कुछ सोचते हुए अपने असिस्टेंट के बात ही सुन रहा था l वह बोला ,""_ ठीक है ,कल सुबह हम सब निकल रहे है | "   रवीश ने कहा ,""_ लेकिन अक्ष,भाभी..? "   सर्वाक्ष ने कहा ,""_ मैं उसे समझा कर दादी और दादू के पास छोड़ आऊंगा | "   बोलते हुए सर्वाक्ष उठ कर स्टडी रूम से बाहर चला गया |     सर्वाक्ष का रूम.....,       बेड पर फैल कर लेटी हुई रात्रि इस वक्त वही फोन चला रही थी l तभी उसे रूम का डोर खुलने की आवाज सुनाई दिया तो वह अपना सर घुमा कर देखी l     रूम में ही सर्वाक्ष आ रहा था l रात्रि मुस्कुराते हुए उठ कर उससे बोली,""_ अक्ष यहां आइए | "     सर्वाक्ष उसके बगल में ही जा कर बैठ गया l तभी रात्रि उसके सीने से अपना पीठ टिका कर उसके दोनो हाथो को अपने कमर में रखा फिर फोन में ही उसे अपने किए हुए कुछ ज्वेलरी डिजाइन को दिखाने लगी l सर्वाक्ष का ध्यान इस वक्त डिजाइंस से ज्यादा रात्रि पर था l     वह रात्रि को कुछ बताना चाह रहा था ,लेकिन रात्रि का खिलखिलाता चेहरा देख उसका हिम्मत नही हो रहा था l       वही रात्रि अपने ही धुन में उसे सारे डिजाइंस दिखाए जा रही थी लेकिन जब उसे मेहसूस हुआ की सर्वाक्ष उसे कुछ कह नहीं रहा है तो वह अपना सर घुमा कर सर्वाक्ष को देखी | सर्वाक्ष उसे ही बेचैनी से देख रहा था | रात्रि अपने आइब्रोज उचकाते हुए उससे पूछी ,""_ क्या हुआ अक्ष ? ऐसे परिशान क्यों लग रहे है ?सब ठीक है ना ? "      सर्वाक्ष ने अपना सर हिलाया,फिर उसके हाथ से फोन ले कर साइड में रखते हुए कहा ,""_  तुम जा कर फ्रेश हो कर आओ,हम कही जा रहे है l "    यह सुन रात्रि ने अपने होंठो का पाउट बना कर कहा ,""_ नही अक्ष,मेरा कही जाने का मन नही है | "   सर्वाक्ष उसके टुडी को सहलाते हुए कहा ,""_ it's your birthday day celebration my love | "    रात्रि इस वक्त ज्यादा ही थाकन महसूस कर रही थी | आज ऑफिस में,पुलिस स्टेशन में,और उस सुनसान जगह में जो कुछ भी हंगामा हुआ था उससे रात्रि पूरी तरह थक गई थी | वह इस वक्त बेड से भी नीचे उतरना नही चाह रही थी l     रात्रि सर्वाक्ष से लिपटते हुए बोली,""_ अक्ष.....,मुझे इस वक्त बहुत,बहुत बहुत थकान महसूस हो रही है , मुझे सोना है...., आप सुलाईएना,please....| "    रात्रि की बात पर सर्वाक्ष को कुछ समझ नही आया की वह उसे जवाब में क्या कहे ? आज रात्रि का जन्म दिन था और नीचे हाल में पूरी तरह डेकोरेशन भी कर ,केक तक ला कर रख दिया था l सर्वाक्ष उसे नीचे ले जाने ही रूम में आया था लेकिन उसकी बीवी केक कट करने में इंटरेस्टेड ही नही लग रही थी l     वही सर्वाक्ष उसके बालो में हाथ फिराते हुए कहा ,""_ ठीक है अभी तुम सो जाओ | "    सर्वाक्ष रात्रि का पीठ सहलाते हुए अपना सर हेड्रेस्ट को टिकाया ,वही रात्रि पूरी तरह उसके ऊपर ही लेट गई थी l सर्वाक्ष के बाहों में जाते ही वह लड़की धीरे धीरे नींद में चली गई l     वही सर्वाक्ष के दिल और दिमाग में अजीब सा हलचल सा मच गया था l वह अपने मन में बोला ,""_ मेरी जाने की बात सुन रात्रि जिद्द करते हुए फिर से खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश की तो ? नही नही..., मैं इस बार रात्रि को ऐसा कोई भी गलत कदम उठाने नही दे सकता ,लेकिन मैं इस लड़की को बताऊं कैसे की मैं कुछ दिन के लिए बाहर जा रहा हु ?"    सर्वाक्ष को काम के सिलसिले कल सुबह ही शहर से बाहर जाना था l उसका जाना भी जरूरी था लेकिन रात्रि को कैसे समझा कर जाए,यह उसे समझ नही आ रहा था l क्यों की पिछली बार जब उसने रात्रि को बिजनेस ट्रिप की बात कही थी,तब  रात्रि जिद्द करते हुए उसे रोकने की कोशिश की थी l जब उसने नही माना तो रात्रि सीढ़ियों से गिर कर खुद को चोट पहुंचाई ताकि सर्वाक्ष ना जा सके और जा भी नही पाया था l    क्या कुछ होने वाला है इस कहानी में ? सर्वाक्ष कहा जाना चाहा रहा है ? क्या रात्रि उसे इस बार जाने भी देगी ? जानने के लिए पढ़ते रहिए     "

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