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Chapter 55

chapter 55

Love With My Beast Husband

अब आगे ....        खुराना मेंशन.....,     रात्रि इस वक्त अपने बदन से नीचे सरक रही ड्रेस को कसके पकड़ कर, सिहरते हुए एक टक सर्वाक्ष को बेचैनी से देख रही थी l    वही सर्वाक्ष उसके बेहद करीब आ खड़ा था | और उसके नशे से चूर हुई इंटेंस नज़रे रात्रि की गुलाबी होंठो पर टेहरी हुई थी, जो इस वक्त हल्के से खुले हुए थे l     सर्वाक्ष अपने सख्त होंठो को धीरे से रात्रि की होंठो के करीब झुकाते हुए रात्रि के ड्रेस को उसके कंधे से नीचे सरका दिया l वही रात्रि की सांसे ही अटक गए थे l    वह अपने आंखें टिमटिमाते हुए सर्वक्ष को देखने को हुई कि तभी उसे महसूस हुआ की सर्वाक्ष ने उसके होंठो को अपने होठों के गिरफ्त में ले लिया है l     रात्रि ने अपने आंखें कसके बंद कर ली l वही सर्वक्ष रात्रि के होठों को बेहद पैशनेटली चूमते हुए उसे अपने आप से चिपकाया फिर उसके एक हाथ में अपना हाथ को फंसा कर उसे बेड के पास ले जाने लगा |       रात्रि पूरी तरह सर्वक्ष के बाहों में दबोच गई थी और उसका ड्रेस तो सर्वाक्ष के सरकाने से कब का उसके बदन से अलग हो चुका था |    रूम में अब सिर्फ उनकी किस का आवाज गूंजने लगा था | वही रात्रि पूरी तरह बहक के खुद को सर्वाक्ष के हवाले कर गई थी |         सर्वक्ष उसे ले कर आराम से बेड पर लेट गया ,क्यों कि रात्रि अब प्रेग्नेंट थी तो वह उसके साथ वाइल्ड नहीं हो सकता था |        वहीं रात्रि अपने ऊपर लेटे हुए सर्वाक्ष को बेहद बहकी हुई नजरों से देखते हुए उसके किस का रिस्पॉन्स देने को हुई की तभी सर्वक्ष उसके होठों को बेरहमी से काटते हुए रिहा कर रात्रि को घूरने लगा l   रात्रि को कुछ समझ ही नही आया था l सर्वाक्ष के काटने से वह एक दम से कराह उठी थी l वही सर्वाक्ष उसके आंखो में बेहद सर्द नजरो से घूरते हुए थोड़ा सख्ती से पूछा,""_ How dare you bivi ? पार्टी में तुम मेरे ही सामने उस रॉय का तारीफ कैसे कर रही थी ?    रात्रि अपने होंठो को सहलाते हुए सर्वाक्ष को ही नाराजगी से देखने लगी थी l लेकिन जैसे ही उसने सर्वाक्ष का यह सवाल सुना वह अपने नज़रे इधर उधर दौड़ाने लगी l उसने जानबूझ कर ही सर्वाक्ष को चिड़ाने उस रॉय का तारीफ की थी |     वही रात्रि को इस तरह नजरे चुराता देख सर्वक्ष उसके चेहरे को अपने तरफ घुमा कर बेहद कोल्ड लुक देते हुए उसे देखने लगा | रात्रि हकलाते हुए बोली,""_ मैं...,मैं उनका नही उनके स्किल्स का तारीफ कर रही थी सर्वाक्ष,वैसे आप मेरे लिए काफी है | "  रात्रि का जवाब सुन सर्वाक्ष उसे थीकी नजरो से घूरते हुए उसके उंगलियों में अपने उंगलियां फसाया,फिर उससे कहा,""_याद रखो बीवी तुम सिर्फ मेरी हो ,मेरे लिए बनी हो ,अगली बार किसी गैर आदमी के तारीफ करते हुए तुम नजर आई,तो तुम्हारा कैर नही | "    रात्रि ने जल्दी से कहा ,""_ मैने कहा ना अक्ष,मैं सिर्फ उनके स्किल्स का तारीफ कर रही थी, वैसे भी वह हम दोनो के बाप के उम्र के आदमी है,उनसे इतना jealous फील करना आपको शोबा नही देता | "   सर्वाक्ष अपने आंखे छोटी कर रात्रि को घूरने लगा l यह लड़की उसे मना रही है या ताना मार रही है ? वैसे भी कोई छोटा हो या बूढ़ा आदमी उसे अपनी बीवी पर किसी की भी नजर बिलकुल बर्दाश्त नही था l     वही रात्रि उसके शर्ट के बटन से खेलते हुए उसे ही देख रही थी | उसके लिए वह सच में काफी था | वैसे सर्वाक्ष मे ऐसा कोई कमी ही नही था जो वह दूसरो में ढूंढना चाहती हो ? अगर सर्वक्ष में कोई कमी भी होती तो भी उसके लिए सर्वाक्ष ही काफी था |    थोडी देर में सर्वाक्ष शांत हो कर रात्रि के लटो से खेलते हुए पूछा ,""_ और मेरा रिवार्ड कहा है ? "  रात्रि के चेहरे पर शर्माहट से भरी हुई मुस्कान तैर गया l वह उसके चेहरे को धीरे से अपने हाथों में भर कर बेहद प्यार से पहले उसके माथे पर, अपने होंठो को रख कर हल्के से प्रेस की |        सर्वाक्ष के आंखे अपने आप ही बंद हो गए l वहीं रात्रि ने उसके गालों को सहलाते हुए उसके बंद पलकों पर भी अपने होंठ को रख दिया l  रात्रि की मुलायम सी होंठो का स्पर्श पाते ही सर्वक्ष का मुंह से हल्के से आह निकाला | वह धीरे से अपने एक हाथ को रात्रि के खुले कमर तक ले जा कर उसके कमर को कभी दबाने लगा तो कभी अपने अंगूठे से उसके बेली को छुने लगा |       वहीं रात्रि अब अपने होठों को सर्वक्ष के गालों पर सरकाने लगी थी l वह धीरे से अपने होंठो को सर्वाक्ष के इयरलोब के पास ले जा कर हल्के से बाइट किया,फिर चूमते हुए अपने होंठो को सर्वाक्ष के होंठो के करीब लाई |       रात्रि जैसे जैसे किस कर रही थी वैसे वैसे सर्वाक्ष को नशा सा चढ़ने लगा था l वह रात्रि के कमर को सहलाते हुए अपने हाथ को कभी ऊपर ले आता तो कभी नीचे ....,रात्रि आहे भरते हुए ही उसके चेहरे को किस करते जा रही थी l   रात्रि फिर अपने होंठो को सर्वाक्ष के होंठो के बेहद करीब ला कर एक नजर सर्वाक्ष को देखी,सर्वाक्ष अभी भी अपने आंखे बंद किए उसे फील कर रहा था l वही रात्रि सर्वाक्ष के निचले होंठो पर धीरे से अपने जीव फेरा फिर बेरहमी से उसके होंठो को अपने दांतों के बीच दबा लिया l    सर्वाक्ष का पकड़ रात्रि के कमर में कस गया l वह अपने आंखे खोल कर रात्रि को देखा l रात्रि अब अपने आंखे बंद कर उसके होंठो पर टूट पड़ी थी वह लड़की ज्यादा ही वाइल्ड हो गई थी l यह मेहसूस कर सर्वाक्ष उसे ले कर पलट गया जिससे रात्रि अब सर्वाक्ष के ऊपर आ गई l      वही सर्वाक्ष उसके पीठ को सहलाते हुए रात्रि का किस का रिस्पॉन्स देने लगा l धीरे धीरे रात्री के होंठ सर्वाक्ष के होंठो के गिरफ्त में आ गए l     सर्वाक्ष अब रात्रि के होंठो को बेहद passionately किस कर रहा था लेकिन अचानक से रात्रि छटपटाते हुए सर्वाक्ष को खुद से अलग करने लगी l सर्वाक्ष का उसके होंठो को इतनी जल्दी से रिहा करने का कोई मूड नही था l लेकीन रात्रि की वजह से उसने बेमन से उसके होंठो को रिहा कर दिया |     वही रात्रि की सांसे उखड़ गए थे | वह हाफ्ते हुए बोली,""_ आ....आपने कुछ खाया नही न ? "   सर्वाक्ष उसे ले कर पलटा ,फिर उसके गालों पर हल्के हल्के से काटते हुए कहा ,""_ खा तो रहा हु बीवी | "    रात्रि उसे खुद से दूर धखेलते हुए बोली,""_ आप हटिए.., अपको भूख लगी होगी ,मैं नीचे जा कर आपके लिए खाना लाती हु | "    रात्रि उठने को हुई की तभी सर्वाक्ष उसके ऊपर वापस से लेटते हुए कहा ,""_ कहा ना मैं तुम्हे खा रहा हु , मेरे पेट भर जाएगा बीवी | "   रात्रि अपने आंखे छोटी कर सर्वाक्ष को घूरने लगी | सर्वाक्ष उसके कमर को सहलाते हुए अब अपने चेहरे को उसके सीने पर रख के रब कर रहा था | रात्रि गुस्से से बोली,""_ अब आप हट रहे या मैं..? "  सर्वाक्ष अपना एक आईब्रो रेंज कर उसे घूरने लगा ,तो रात्रि पिल्ला जैसा चेहरा बना कर बोली,""_ आपका इस तरह भूखा पेट रहना मुझे अच्छा नही लगता अक्ष | "     सर्वाक्ष उसके गाल को सहलाते हुए प्यार से कहा ,""_ मुझे सच में भूख नही लगी बीवी...| "    रात्रि थोड़ी देर उसके आंखो में देखती रही फिर उससे नज़रे हटा कर मुंह फूला लिया |      उसे ऐसे नाराज़ होता देख सर्वाक्ष ने एक गहरी सांस लिया फिर उससे अलग होते हुए कहा ,""_ ठीक है मिसेज सर्वाक्ष, मैं नीचे जा कर खुद ही खाना ला कर खा लूंगा | "  सर्वाक्ष उठ कर रूम से बाहर चला गया | वही रात्रि की चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ गई थी | वह फिर उठ कर  क्लोसेट रूम में चली गई |     दूसरी तरफ....    " Ummmm ध्रुव .....mmm "     मीरा कसमसाते हुए अपने ऊपर झुके हुए ध्रुव को पुश करते हुए बेहद मदहोश भरी आवाज में बोली |   वही ध्रुव मीरा के चेहरे के हर एक इंच को भी अपने होंठो से छूते जा रहा था l उसके एक हाथ मीरा के गाल को सहला रहा था तो दूसरा मीरा के ड्रेस के अंदर घुस कर उसके कमर को बेहद सेंशुअली सहलाते जा रहा था l      बैठे बैठे ही मीरा की हालत खराब हो गई थी l वह सिहरते अपना चेहरा इधर उधर घुमा रही थी l लेकिन ध्रुव उससे एक इंच भी अलग नही हो रहा था और नाही उसे चूमने से खुद को रोक पा रहा था l       तभी मीरा बोली,""_ ध्रुव please....,ummm अह्ह्ह्ह | "  मीरा आहे भरते हुए अभी बोल ही रही थी की तभी ध्रुव उसके निचले होंठो को अपने दांतो के बीच दबा कर हल्के से काट लिया  |    मीरा के आंखे कसके भींच गए थे l वही ध्रुव अपने होंठो को मीरा के कान के पास ले जा कर उसे चूमते हुए कहा ,""_ कल मैं तुम्हारे बाप से तुम्हारा हाथ मांगने आ रहा हु मीरा | "    मीरा झट से अपने आंखे खोल कर ध्रुव को देखने लगी l वही ध्रुव उसके गाल को सहलाते हुए कहा ,""_अब मैं और इंतजार नही कर सकता मीरा , मैं बहुत जल्द तुमसे शादी करना चाहता हु | "   मीरा की चेहरे पर प्यारी सी स्माइल आ गई थी | वह उससे लिपटते हुए बोली,""_मैं भी ध्रुव...| "    ध्रुव झुक कर उसके सर पर किस करा l     थोड़ी देर बाद वह मीरा को उसके घर ड्रॉप कर खुराना मेंशन के लिए निकल गया |    सर्वाक्ष का रूम....     रात्रि अपना सर सर्वाक्ष के कंधे पर टिका कर उससे उलजुलल सवाल पूछते हुए उसके बगल में ही बैठी हुई थी l   वही सोफे पर बैठे सर्वाक्ष इस वक्त चुपचाप अपना डिनर कर रहा था | वह रात्रि के सवालों को जवाब भी दे रहा था लेकिन उसके जवाब सिर्फ mmm hmmm में थे |    थोड़ी बाद सर्वाक्ष अपना डिनर खतम कर रात्रि के तरफ देखा l रात्रि अब उसके स्लीव्स को खींचते हुए कुछ सोच रहि थी l     सर्वाक्ष झुक कर उसके माथे पर किस करते हुए कहा ,""_ रात के 11 बज गए बीवी और तुम्हे अभी तक नींद नही आ रही ...? "   रात्रि उसे एक नजर देखी फिर उससे धीरे से पूछी ,""_ अक्ष.....,अगर मैं मर गई तो....| "    " रात्रि....!!! " सर्वाक्ष ने बेहद सर्द आवाज में उसका नाम चिल्लाया तो रात्रि डर से उससे थोड़ा पीछे के ओर झुकते हुए बोली,""_ अक्ष,पहले पूरी बात तो सुन लीजिए ? "    सर्वाक्ष गुस्से से उसका हाथ झटकाया,फिर जा कर बेड पर लेटते हुए कहा ,""_ अपनी मनहूस बाते मुझे मत सुनाने आओ बीवी, वरना तुम्हारे लिए बिलकुल अच्छा नही होगा | "     रात्रि का मुंह बन गया | वह बड़बड़ाते हुए बोली,""_मैं कैसे भूल गई ? इन्हे तो मेरी पूरी बात सुनने की आदत ही नही है | "     सर्वाक्ष का औरा अचानक से काला पड़ गया था l जाहिर था उसे रात्रि की यह मनहूस बाते बिलकुल अच्छा नही लगा था l उसकी जिंदगी में खुशियां सिर्फ रात्रि के वजह से ही थे तो रात्रि को कुछ हुआ तो वह जिंदा भी रह पाएगा ? रात्रि की यह सवाल उसे पल भर में बेचैन कर डाला था | वह ना रात्रि को खो सकता था और नाही उसके पेट में पल रही बच्चे को...|     वही रात्रि गुस्से से सर्वाक्ष को ही देख रही थी | सर्वाक्ष के गुस्सैल चेहरे के पीछे छुपी बेचैनि रात्रि से छुपा भी नहीं था | वह धीरे से सर्वाक्ष के करीब जा कर बैठ गई |     सर्वाक्ष ने उसे गुस्से से घूरा फिर उसके तरफ पीठ कर लेट गया l वही रात्रि का चेहरा छोटू सा हो गया था l वह पीछे से ही सर्वाक्ष के ऊपर गिरते हुए बोली,""_ अक्ष....,मुझे आपसे कुछ जरूरी बात बताना है | "     सर्वाक्ष ने ना उसे कुछ जवाब दिया और नाही उसके तरफ मुड़ कर देखा | वही रात्रि धीरे से सर्वाक्ष के हाथ में अपना हाथ फसाते हुए उसे कुछ बताने लगी l सर्वाक्ष चुपचाप उसकी बाते सुन रहा था |    थोड़ी देर बाद वह रात्रि के तरफ मुड़ते हुए कहा ,""_ तुम्हारे हर एक कदम पर मैं तुम्हारा साथ ही रहूंगा बीवी लेकिन यह जो अटैक वाली बात तुमने बताया ना ? वह बहुत रिस्की है,तुम ऐसा कुछ नही करोगी | "    सर्वाक्ष की यह बात सुन रात्रि जिद्दिपन से बोली,""_अक्ष....कुछ रिस्की नही है मै सब.....? "    रात्रि अपनी बार पूरा भी करती उससे पहले ही सर्वाक्ष ने बेहद सख्ती से कहा ,""_ कहा ना नही ...? मतलब नही | "         रात्रि चिड़ते हुए बोली,""_ मुझे आपको कुछ भी बताना ही नही चाहिए था , हुह 💢 | "       सर्वाक्ष ने कहा ,""_ तुम नही बताती तो भी मुझे पता चल ही जाता बीवी,तुम पर हर वक्त मेरी नजर होती है | "   रात्रि की आंखे छोटी हो गई | वह गुस्से से पूछी,""_ अक्ष ,आप मुझ पर नजर रखते है ? "   " हर वक्त...!! " सर्वाक्ष ने बेफिक्री से जवाब में कहा l रात्रि की दांत भींच गए | वह दांत पीसते हुए बोली,""_  आपको मुझ पर भरोसा नही है ? "   सर्वाक्ष रात्रि को अपने बाहों में ले कर सोते हुए कहा ,""_ होता तो तुम पर नजर क्यों रकता बीवी ? "   रात्रि उसे खा जाने वाले नजरो से घूरती रही | सर्वाक्ष अपने आंखे बंद कर लेट गया था |    वही रात्रि उसे ही देख रही थी | वह फिर उसे ज्यादा तंग ना करते हुए उसके सीने पर अपना सर टिकाई लेट गई l उसकी आंखो में इस वक्त नींद का एक कतरा तक भी नही था | क्यों की उसके दिमाग में बस रावी और युवान ही घूम रहे थे | जो इस वक्त उस 2896 रूम एक दूसरे के बदन को नोच खा रहे थे |    ऋजुल ठाकुर का विला .....,          ऋजुल इस वक्त अपने आंखो में नमी लिए एक औरत की तस्वीर के सामने खड़ा था | उसकी आंखो में नमी जरूर थी लेकिन उसके चेहरे पर जीत का मुस्कान भी तैर गया था | वह इस वक्त इतना खुश था की उसके आंखो से आंसू तक बहने लगे थे |      ऋजुल उस औरत के तस्वीर पर हाथ फेर रहा था | वह बोला ,""_ मुझे वह मिल गई किंजल ,मुझे वह मिल गई, सालों से उसे ढूंढते हुए मैं उम्मीद खोते जा रहा था लेकिन आज..? आज वह मेरे सामने ही थी किंजल,वह बिलकुल तुम पर गई है, एक पल के लिए तो मुझे ऐसा लगा की सामने तुम ही खड़ी हो ,वह तुम्हारी तरह बेहद खुबसूरत है,बिलकुल परी है हमारी बेटी | "      उस तस्वीर में जो औरत थी उसका नाम किंजल ऋजुल ठाकुर था l ऋजुल की बीवी और रात्रि की मां l किंजल और रात्रि का चेहरा ज्यादा ही मिलता जुलता था ,जिस वजह से ऋजुल ने एक ही नजर में रात्रि को पहचान लिया था |     ऋजुल रात्रि के बारे में किसी बच्चे की तरह किंजल को बता रहा था l तभी उसके रूम का डोर नॉक हुआ तो ऋजुल के चेहरे के हाव भाव एक दम से कठोर हो गए | उसने अपने आंसू पोछा फिर बाहर चला गया |      खुराना मेंशन....,    सर्वाक्ष का रूम.....,         रात के बारह बजे के आस पास सर्वाक्ष अपने आंखे खोल कर रात्रि को देखा | रात्रि उसके सीने में सर टिका कर उसके शर्ट के बटन से खेलते हुए कुछ सोच रही थी | उसे आज नींद नही आ रही थी या यू कहे की वह बेसब्री से बस सुबह होने का इंतजार कर रही थी |     सर्वाक्ष ने एक नजर घड़ी में टाइम देखा फिर रात्रि के गाल को सहलाते हुए उसके होंठो पर जोर से किस करा |    रात्रि को इसका उम्मीद नही था l वह हैरानी से सर्वाक्ष को देखने लगी ,वही सर्वाक्ष उसके कान के पास झुक कर उसके इयरलोब को चूमते हुए बेहद सेडक्टिव टोन में कहा ,""_wishing the most amazing birthday to the love of my life | "   " Ummm...my birthday...? " रात्रि हल्के से करहाते हुए सर्वाक्ष से पूछी | वह तो भूल ही गई थी आज उसका जन्म दिन भी है ?    वही सर्वाक्ष उसके इयरलोब को हल्के से काटते हुए उसे किस करा फिर अपना सर ऊपर रात्रि को देखने लगा |        रात्रि उसे ही बेहद एक्साइटेड हो कर देख रही थी | लेकिन उसके आंखे हल्के नम थे |     हर बार अपने जन्मदिन उसे अपने जिंदगी का बुरा दिन लगता था क्यों की उसके पास उसका जन्म दिन मनाने वाला कोई नहीं रहता था l लेकिन आज..? आज उसके पास उसका फैमिली था l     रात्रि रूआसा सा चेहरा बना कर अक्ष को कुछ कहने को हुई की तभी सर्वाक्ष बेहद वार्न भरा लुक देते हुए कहा ,""_ अगर एक आंसू भी बह गया न बीवी ? तो कल पूरा दिन मुझे देखने के लिए तरस जाओगी तुम | "      रात्रि जल्दी से अपने आंसू साफ कर उससे लिपटते हुए बोली,""_ मै....., मैं नही रो रही अक्ष | "   सर्वाक्ष उसके बालो पर किस करा फिर अपने बाहों में जकड़ कर उसके गालों पर किस करने लगा | उन दोनो का प्यार का खेल अब फिर से शुरू हो गया था |    रात्रि के दिमाग में क्या चल रहा है ? सर्वाक्ष उसे किस चीज के लिए रोक रहा है ? रिजुल का सच सामने कब आएगा ? जानने के लिए पढ़ते रहिए      " Â

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