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Chapter 77

chapter 77

Love With My Beast Husband

    अब आगे ....,               खुराना मेंशन.....,          "  रात्रि.......? "     सर्वाक्ष गुस्से से अपने रूम के तरफ जा रहा था l की तभी उसके कान में रुक्मणि और भावेश की घबराहट से भरी आवाज सुनाई दी l      जैसे ही उनकी आवाज सर्वाक्ष के कान में गूंजी ,सर्वाक्ष के कदम अपने जगह में ही जम गए,वह जल्दी से मुड़ कर सामने देखा तो उसकी सांसे अटक गए l       डोर के पास रात्रि मुंह के बल गिरी थी और उसके तरफ भावेश और रुकमणी भागते हुए जा रहे थे l      " रात्रि बच्चा.....,रात्रि बच्चा तुम ठीक हो ना ? " भावेश जल्दी से जा कर उसे उठाते हुए चिंता भरी लहजे में बोले l     रात्रि ठीक से खड़े होते हुए एक नज़र सर्वाक्ष को देखी, जो अभी भी सीढियों के पास ही खड़ा था l उसे अपने पास आता ना देख रात्रि को बहुत बुरा लगा,वह फिर रुकमणी और भावेश से बोली,""_ मैं ठीक हु दादू..l "    रुकमणी और भावेश उसे ले कर हाल में चले गए l सर्वाक्ष अपने जगह में ही जम गया था l रात्रि को गिरा हुआ देख उसके सांसे ही अटक सी गई थी,वह इतना घबरा गया था कि वह कुछ रिएक्ट करने के हालत में ही नहीं था l     लेकिन रात्रि अब ठीक लग रही थी l वह एक गहरी सांस लेते हुए उसके ओर बढ़ने लगा की तभी उसका फोन रिंग होने लगा l     सर्वाक्ष रुक कर अपना फोन चेक किया फिर सीधे स्टडी रूम के तरफ चला गया l       वही सोफे पर बैठे रात्रि का पूरा ध्यान सर्वाक्ष के पर ही था l सर्वाक्ष को इस तरह का रूखापन रात्रि को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था l उसकी आंखों से आंसू बहने लगे थे l वही भावेश और रुक्मणि रात्रि को चेक कर रहे थे कि कही रात्रि को कही चोट तो नहीं लगी ? कही उसे दर्द तो नहीं हो रहा ?     वह दोनो रात्रि को रोता देख हड़बड़ा गए l वह दोनो जल्दी से बोले,""_ बच्चा तुम्हे कही दर्द हो रहा है ? गिरने से तुम्हे लगी तो नही ? हम अभी डॉक्टर को कॉल करते है ? "  भावेश ने फिर सर्वाक्ष को जोर से आवाज लगाया l     सर्वाक्ष...? "   भावेश का आवाज बेहद बेचैनी और घबराहट से भर गया था l वही study रूम के तरफ बढ़ रहे सर्वाक्ष के रोंगटे खड़े किए थे l कही उसकी बीवी को कुछ हुआ तो नहीं ? वह जल्दी से भागते हुए हाल के तरफ आया l     "  नहीं....नहीं दादू.. आप उन्हें मत बुलाइए l " भावेश को इस तरह सर्वाक्ष को आवाज लगाता देख रात्रि उसे रोकते हुए बोली l     वही रात्रि का रोना भावेश और रुक्मणि से देखा नहीं जा रहा था l उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि रात्रि आखिर इस तरह रो क्यों रही है ? क्या उसे गिरने की वजह से कई चोट लगी है ? अगर ऐसी बात है तो उन्हें अभी के अभी डॉक्टर को कॉल करना होगा l तो भावेश बिना भाव के सर्वाक्ष को आवाज लगाने लगा l     लेकिन तभी रात्रि उसे फिर से रोकते हुए बोली ,""_ मैंने कहा ना दादु ,मैं ठीक हूँ..., बिल्कुल ठीक हूँ ,मुझे कुछ भी नहीं हुआ है मुझे कोई चोट भी नहीं लगी है l "     तभी रुक्मिणी रात्रि का चेहरा अपने तरफ घुमाते हुए प्यार भरी लहजे में पूछी ,""_  फिर तुम इतना रो क्यों रही हो बच्चा ? तुम्हें कई तो दर्द हो रहा होगा ना ? इसीलिए तो तुम...? "   रुक्मिणी आगे कहती उससे पहले ही रात्रि रोते हुए अपना सर ना में हिला कर बोली ,""_ मुझे कही दर्द नहीं हो रहा है दादी ,लेकिन मुझे बहुत रोना आ रहा है l "    तभी रुक्मिणी ने उससे पूछा,""_ क्यों बच्चा ? क्या हो गया ? कही अक्ष और तुम्हारे बीच कुछ?    तभी रात्रि रोते हुए बोली ,""_मैं आज कल बहुत बुरी बन गयी हूँ दादी ,मेरे साथ क्या हो रहा है ? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है l मैं ठीक हूँ या नहीं मुझे यह भी पता ही नहीं चल रहा ,मुझे बात बात पर बहुत गुस्सा आने लगा है, मैं बिना वजह उनसे लड़ लेती हूँ,उन पर गुस्सा करते हुए चिल्लाने लगती हु, मुझे अचानक से चिड़चिड़ महसूस होने लगती है दादी,कभी मुझे गुस्सा आ जाता है तो मैं कभी शांत हो जाती हूँ, मेरे साथ कुछ अजीब सा हो रहा है दादी ,मैं कुछ समझ नहीं पा रही, मुझे ऐसा लगता है कि मैं बदल गई हु,बिल्कुल बुरी बन गई हु, मुझे कुछ हो गया दादी, अगर मेरे बरताव ऐसा ही रहा तो मैं गिल्ट में एक दिन मर जाऊंगी,आपको पता है मैंने आज बिना बात के उन पर हाथ उठा दिया,मेरा मन कर रहा है कि मैं अभी खुद को खत्म कर दु l "       बोलते हुए रात्रि जोर जोर से रोने लग गयी l उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसने सर्वाक्ष पर ऐसे हाथ कैसे उठा लिया ? जब कि सर्वाक्ष उसे सिर्फ नाश्ता कराने के लिए जिद करा रहा था l उसमें उसकी कोई गलती नहीं थी ,फिर भी वो गुस्से में आ कर उसके गाल पर जोर से तमाचा जाड़ दिया था,जो बिलकुल गलत था l    रात्रि रोते हुए सर्वक्ष के बारे में सोचे जा रही थी l     वही रुक्मिणी गौर से रात्रि को देख रही थी l वो फिर उसे अपने गले से लगाते हुए बोली, ""_बेवकूफ लड़की! ऐसा होना प्रेग्नेंसी में नॉर्मल है, तुम्हारा इस तरह मूड बदलना ये प्रेग्नेंसी का एक लक्षण होता है बच्चा, इससे तुम बुरी या  गलत नहीं हो सकती, ये तुम्हारी हालत है। हर प्रेग्नेंसी वुमन के साथ ऐसा होता है, कुछ वक्त तक होता है, उसके बाद बिल्कुल नॉर्मल हो जाता है l "    रात्रि ने जैसे ही रुक्मिणी की बात सुना,वो अपना सर ऊपर कर सिसकते हुए रुक्मिणी को देखने लगी l तभी रुक्मिणी उसके आँसू पोछते हुए आगे बोली, ""_तुम्हें पता है, जब मैं प्रेग्नेंट थी ना, तब मैं भी ऐसा ही करती थी,मेरा भी मूड हर पल बदल जाता था,कभी में गुस्से से चिल्ला जाती तो कभी शांत ,कभी कभी तो मैं तुम्हारे दादू को कूटती भी थी, लेकिन तुम्हारे दादू समझदार थे,उन्होंने मेरे कंडीशन समझते हुए मेरा ख्याल रखा,लेकिन तुम्हारा पति बिल्कुल समझदार नहीं है,तुम चिंता मत करो, मैं उसे समझा देती हूँ l "      रुक्मिणी को सर्वाक्ष पर बहुत गुस्सा आ रहा था l ये सब सर्वाक्ष को समझना चाहिए था l क्यों कि रात्रि इस वक्त प्रेग्नेंट थी, उसका मूड स्विंग होना एक कॉमन सी बात थी। तो इस पर सर्वाक्ष को ध्यान रखना था, ना ही रात्रि को, तो सर्वाक्ष को ढाँटते रुक्मणि ने यह सब बोला l      तभी रात्रि उसे रोकते हुए बोली,""_ नहीं नहीं दादी,मेरे अक्ष बहुत अच्छे हैं,मेरा बहुत वह अच्छे से ख्याल रखते हैं,मैं ही थी जो उनकी बात ना मानी,और उन पर ही गुस्सा कर,उनपर हाथ उठाया l "     रुक्मिणी ने बस अपना सर हिलाया, लेकिन वो सर्वाक्ष को समझाने के ख्याल से पीछे नहीं हट सकती थी l उसे सर्वाक्ष को समझाना ही होगा,अगर वह ऐसा नहीं करती तो रात्रि को स्ट्रेस में गुजरना होगा,जो एक प्रेग्नेंट औरत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं था l       रात्रि अभी भी रोते हुए रुक्मिणी के गले लग गई थी। वहीं सर्वाक्ष सीढ़ियों के पास खड़ा था,और उसने रात्रि और रुक्मिणी की सारी बातें सुन ली थी और उसे एहसास भी हो रहा था कि उसने रात्रि पर गुस्सा कर के ,रात्रि को इतना रुला के बहुत बड़ी गलती कर दिया है l     उसे रात्रि की हालत को समझना चाहिए था l बल्कि उसने तो उस पर गुस्सा करके उसे और स्ट्रेस और टेंशन में डाल दिया था l वो लड़की उसके लिए रो रही थी क्यों कि उसने गलती से उस पर हाथ जो उठाया था, लेकिन वो खुद ये कैसे भूल गया कि उसकी बीवी प्रेग्नेंट है? उसका हालत कैसे होते है इसके बारे में उसने ध्यान क्यों नहीं दिया ?     सर्वाक्ष को इस वक्त खुद पर ही गुस्सा आ रहा था l उसने इतनी लापरवाही कैसे दिखाई ? वो धीरे से रात्रि के पास गया l     रात्रि रोते हुए यही सोच रही थी कि  वो सर्वाक्ष से माफी मांगे तो कैसे मांगे ? सर्वाक्ष उससे सीधी मुँह बात तक नहीं कर रहा था, उसकी गिरने से भी वो उसके पास नहीं आया था, तो क्या सर्वाक्ष उससे इतना नाराज हो गया ? की उसके गिरने से उसे फरक ही नहीं पड़ा हो ? क्या उसने सर्वाक्ष को इतना गुस्सा दिला दिया ? क्या उसने उसे खो दिया ?       रात्रि का इस वक्त भी मूड स्विंग हो रहा था, जिस वजह से उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या क्या सोचे जा रही है ?        सर्वाक्ष धीरे से रात्रि के पास आया l रात्रि अभी भी रुक्मिणी की गले लगी हुई बैठी थी l सर्वाक्ष के करीब आते ही वह अपना सर ऊपर कर उसे ही रोते हुए देखने लगी l      वही सर्वाक्ष बिना कुछ कहे एक दम से अपने गोद में उठाया l तभी भावेश ने उसे गुस्से से कहा, ""_ अक्ष,मुझे तुमसे अभी बात करनी है l "    भावेश की बात सुन कर सर्वाक्ष ने बस हाँ में अपना सर हिलाया l    वहीं भावेश को सर्वाक्ष पर बहुत गुस्सा आ रहा था, वो अपनी बीवी को इस तरह कैसे रुला सकता है,? वो भी प्रेग्नेंसी के हालत में ? उसे उसका अच्छे से ख्याल रखना चाहिए था, लेकिन सर्वाक्ष उस पर गुस्सा करते हुए उसे रुलाते हुए ,उसे तकलीफ दे रहा था ? इससे रात्रि और उसके बच्चे पर कैसा असर पड़ सकता है? इसका अंदाज अक्ष को है भी या नहीं ?      सर्वाक्ष की इतनी लापरवाही देख भावेश और रुक्मिणी दोनों ही उससे नाराज हो गए थे l वो उसे बहुत डांटना चाहते थे, लेकिन वो रात्रि के सामने कुछ कहना नहीं चाहते थे, जिस वजह से वो अभी दोनों चुप ही रहे l     वही सर्वाक्ष रात्रि को ले जाने लगा,फिर वह रुक कर रुक्मिणी से कहा, ""_दादी, इसने सुबह से कुछ नहीं खाया है, आप प्लीज इसके लिए कुछ रूम में भिजवा दीजिएगा l "       रुक्मिणी उसे गुस्से से घूर रही थी, लेकिन सर्वाक्ष की बात सुन कर उसने बस हाँ में सर हिलाया और उठ कर किचन की तरफ चली गई l वहीं सर्वाक्ष रात्रि को ले कर सीधे अपने रूम की तरफ चला गया l     रात्रि हैरानि से एक टक सर्वाक्ष को देख रही थी l उसे नहीं लगा था कि सर्वाक्ष उसके पास इस तरह आ कर उसे प्यार से गोद में उठाएगा ? बल्कि उसने उसे अभी तक उसे मनाया भी नहीं था l    रात्रि हैरानी से सर्वक्ष को देख रही थी l सर्वाक्ष उसे नाराजगी से नहीं देख रहा था, वो उसे अजीब नजरों से देख रहा था, जिसमें नाराजगी जरा भी नहीं थी।     रात्रि नम आँखों से उसे देख रही थी, उसे समझ नहीं आ रहा था कि सर्वाक्ष ने उसे माफ किया या नहीं। वही सर्वाक्ष रात्रि को अपने रूम में ले गया, फिर आराम से उसे बेड पर बिठाकर उसके बेहद करीब बैठ गया l    रात्रि के आँखों से आँसू बहने लगे ,वो रोते हुए बोली, ""_अक्ष... मैं...? "    रात्रि आगे कुछ कहती उससे पहले ही सर्वाक्ष ने उसके होठों पर अपनी एक ऊँगली रखा, जैसे कह रहा हो कि कुछ ना कहो l    रात्रि रोते हुए उसके गले से लग गई l वही सर्वक्ष की आंखे कसके बंद हो गए l वह उसके पीठ को सहलाते हुए कहा ,"_ रोना बंद करो बीवी,मुझे बहुत तकलीफ हो रहा है l "    रात्रि रोते हुए अपना सर ऊपर कर उसके आंखो में देख बोली""_ मैने आप पर जानबूझ कर नहीं...? "     मुझे पता है,तुमने जानबूझ कर नहीं मारा ,गलती से लग गया,अब शांत हो जाओ l " सर्वक्ष रात्रि को अपने बाहों में भर कर लेटते हुए उससे कहा l रात्रि अभी भी रो रही थी l वह बोली,""_ I am sorry.....| "  सर्वाक्ष रात्रि के पूरे चेहरे पर किस करते हुए कहा,""_ माफी मुझे मांगनी चाहिए बीवी,मुझे तुम्हारे हालत समझना चाहिए,लेकिन मैने तुम पर गुस्सा किया ,I am sorry l "    रात्रि रोते हुए सर्वक्ष को ही देख रही थी l वह फिर उसके गाल पर हाथ रख कर सहलाने लगी ,वह वही गाल था जिस पर उसने हाथ उठाया था l सर्वाक्ष उसके हाथ को पकड़ कर उसके हथेली को चूमा,फिर उसके माथे पर किस कर कहा ,""_ अब रोना बंद करो बच्चा l "     रात्रि सर्वाक्ष के चेहरे को अपने हाथों में भर कर बिना रुके चूमने लगी l उसका किस बेहद बेचैनी और डेस्परेट से भरे हुए थे l    सर्वाक्ष उसे ही देख रहा था l वह फिर उसके गाल को सहलाते हुए धीरे से उसके होंठो को अपने होंठो के गिरफ्त में ले कर किस करने लगा l रात्रि को अब जा कर सुकून मेहसूस हो रहा था l जब से सर्वाक्ष उससे रूठा था ,तब से उसे तकलीफ सा महसूस हो रहा था l लेकिन अब उसे सिर्फ सुकून महसूस हो रहा था l    थोड़ी ही देर में रात्रि की सांसे फूलने लगे तो वह छटपटाने लगी l सर्वक्ष ने उसके होंठो को रिहा कर फिर उसके चेहरे को चूमने लगा की तभी रूम का डोर नॉक हुआ l सर्वाक्ष को पता था इस वक्त कौन हो सकता है ? वह रात्रि के माथे पर बेहद प्यार से चूमा फिर उससे अलग हो कर डोर के पास गया l    रात्रि की सांसे उखड़ गए थे l वह खुद को नॉर्मल करने की कोशिश करते हुए सामने देखने लगी l बाहर एक मेड खड़ी थी जो रात्रि के लिए खाना ले आई थी l    सर्वक्ष उसके हाथ से खाने का ट्रे लिया,फिर रात्रि के पास आ कर बैठ गया l रात्रि अभी भी सर्वाक्ष को देख रही थी l वह कसके उसके गले लगते हुए बोली,""_ अक्ष...,अगर मैने कोई गलती की तो आप मुझ पर चिल्ला कर,मुझे दो तीन थप्पड़ भी लगाइए,लेकिन मुझसे दूरी बना कर मत रहिए ,मुझसे सहा नहीं जाता l "     रात्रि की बाते सर्वक्ष को तकलीफ दे गए क्यों कि रात्रि जितना रो रही थी उतना उसे उसकी लापरवाई याद दिला रही थी l सर्वाक्ष झुक कर रात्रि सर पर किस कर कहा ,""_ मैं गुस्से में आ कर तुम पर चिल्ला सकता हु,लेकिन तुमसे दूरी बना कर मैं भी जी नहीं सकता बीवी,तुम्हारे बिना सर्वाक्ष खुराना की सांसे भी नहीं चलते,और आज जो कुछ भी हुआ उसमें गलती मेरी भी है,I am sorry bivi ,I am so sorry l "        रात्रि अपना सर ऊपर कर सर्वक्ष को देखने लगी l सर्वक्ष उसे गिल्ट भरी नजरो से देख रहा था l रात्रि अपना सर ऊपर कर उसके होंठो पर किस की फिर उससे बोली,""_ बहुत भूख लगी है अक्ष,मुझे कुछ खिलाइए ना....l "    सर्वक्ष हल्के से मुस्कुराया,फिर रात्रि को खिलाने लगा l रात्रि बीच बीच में उसे खिला भी रही थी और उसके पूरे चेहरे पर किस भी कर रही थी l वही दूसरी तरफ...,     ध्रुव मीरा को ले कर सीधे उसके अपार्टमेंट में चला गया था। मीरा की तबियत ठीक नहीं थी, वैसे उसे बुखार या फिर कोई बीमारी नहीं हुई थी, बस वो कमजोर सी हो गई थी l क्यों कि शालिनी की बिछाए हुए जाल में फंस कर दिन रात वह रोते रोते थक सी गई थी l और रोते हुए उसने अपने हालत को भी काफी बिगाड़ दिया था। जिस वजह से ध्रुव को उसका ख्याल रखना पड़ रहा था, लेकिन वो अभी भी उससे नाराज था l     मीरा जिस तरह अपने भाई के दोस्त से छुपकी हुई थी,जिस तरह उस लड़के से "आई लव यू" कहा था, उससे ध्रुव का दिमाग खराब हो रखा था।     वैसे वो मीरा से पाँच साल से कम उम्र का लड़का था l और वो मीरा की भाई का दोस्त था, जिसे मीरा हमेशा उसे अपना भाई ही मानती थी, लेकिन वो लड़का थोड़ा पागल सा था। उसे मीरा बहुत पसंद थी, तो उसने ध्रुव को धमकी दी थी, लेकिन वो ये नहीं जानता था कि ध्रुव सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, एक गैंगस्टर भी है।      मीरा इस वक्त बेड पर लेटे एक तक ध्रुव को देख रही थी l        शालिनी और डॉक्टर अविनाश ने जो मीरा के खिलाफ जाल बिछाया था, उससे मीरा लगभग फंस चुकी थी, आगर सही वक्त पर ध्रुव नहीं आता तो वो चाह कर भी अपने आप को सही साबित नहीं कर पाती थी l और इस वक्त जेल में होती, उसकी जिंदगी खराब हो जाता l लेकिन ध्रुव आ कर जो इल्जाम लगाया था, वो सब कुछ हटाकर सच का फर्दाफाश कर दिया था l      उसे उम्मीद ही नहीं था ,कि उस वक्त ध्रुव आ कर उसे बचा लेगा लेकिन सही वक्त पर वह आ चुका था और उसे उसकी इज्जत सब कुछ बचा लिया था।       मीरा इस वक्त बेहद प्यार भरी निगाहों से ध्रुव को देख रही थी l ध्रुव उसके बगल में ही बैठा था, लेकिन वो उसे नाराजगी से देख रहा था l    तभी मीरा ने आगे बढ़कर उसके गाल पर हाथ रखने को हुई कि तभी ध्रुव ने उसके हाथ को झटका दिया l   ध्रुव कोई बच्चा लग रहा था l मीरा हँसते हुए उससे लिपटकर बोली, ""_मुझे पता है आप किस लिए नाराज हैं लेकिन आपकी नाराजगी की वजह है ना, वो बहुत ही बेतुका है l     ध्रुव घूर कर मीरा को देखने लगा, तभी मीरा उसे समझाते हुए बोली,""_  वो लड़का थोड़ा पागल सा है ध्रुव, हफ्ते में उसे मुझे दो दो injections भी देना पड़ता है, उसका तबियत भी इतना अच्छा नहीं है, वो थोड़ा physcho type का लड़का है, वो मेरा भाई है, तुम उस छोटे से बच्चे की बात पर आ कर मुझसे इतना नाराज कैसे हो सकते ह ? वो मेरा भी भाई है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है, और आपको उस लड़के से इतना जलने की जरूरत नहीं थी l      ध्रुव थोड़ी देर उसे नाराजगी से देखता रहा, फिर उसने कहा, ""_तुम सच कह रही हो ना?   तभी मीरा ने उसे कहा,""_ मैं आपसे झूठ क्यों कहूँगी ? मैं आपसे प्यार करती हूँ, वो तो मेरा भाई जैसा है, आप उसके बातों में कैसे आ सकते हैं?   ध्रुव एक तक मीरा को देखता रहा, फिर उसे उसकी बात सही लगने लगी, तो वो अपना सर हिलाते हुए मीरा से कहा,"_ ठीक है, अगर तुम उसे भाई मानती हो तो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन याद रखना, तुम्हें मेरे अलावा किसी को भी आई लव कहने की जरूरत नहीं है, चाहे वो उम्र से छोटा हो या उम्र से बड़ा, ये शब्द तुम्हें सिर्फ मुझे सुनाना है, बाकी किसी को नहीं। समझी? "    बोलते हुए ध्रुव का चेहरा गुस्से से भर गया था।     ध्रुव की धमकी भरा वार्न सुनकर मीरा ने अपना सर हा में हीलाया, फिर उससे लिपटते हुए बोली, ""_थैंक यू ध्रुव, आपने सही वक्त पर आ कर मुझे बचा लिया, वरना डॉक्टर अविनाश के बिचाए हुए जाल में फंसकर मैं अपनी करियर और अपनी जिंदगी दोनों बर्बाद कर लेती l       ध्रुव ने जैसे ही डॉक्टर अविनाश का नाम सुना उसके दिमाग मे डॉक्टर शालिनी घूमने लगी l उसका चेहरा  गुस्से से तमतमा उठा l    ध्रुव मीरा को अपने आप से चिपकाकर उसके पीठ को सहलाते हुए कहा, ""_जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ, तब तक तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, तुम मिसेज ध्रुव बनने वाली हो, तुम्हारे साथ कोई कुछ नहीं कर सकता और रही बात डॉक्टर अविनाश और डॉक्टर शालिनी... ?    "डॉक्टर शालिनी..."   ध्रुव अपनी बात पूरी भी करता उससे पहले ही मीरा ना समझी में उसकी ओर देखते हुए शालिनी के नाम ली l    ये जो कुछ भी आज हॉस्पिटल में हुआ था, वहाँ शालिनी का जिक्र नहीं हुआ था, तो अब ध्रुव उसका नाम क्यों ले रहा है? मीरा ना समझी में ध्रुव को देखने लगी।   तभी ध्रुव ने उसे समझाते हुए कहा," "_तुम्हारे साथ जो कुछ भी किया गया था, उसके पीछे डॉक्टर अविनाश के साथ साथ डॉक्टर शालिनी का हाथ भी है, अविनाश तो एक जरिया था, जो शालिनी ने अपने मकसद को पूरा होने के लिए उसे इस्तेमाल किया था, असली मास्टर माइंड तो डॉक्टर शालिनी है,उसने ही तुम्हें इस तरह के जाल में फसाया था, वो तुम्हें बर्बाद करना चाहती थी, क्यों कि तुम मेरे करीब आई, बल्कि उसे मेरे करीब आना था, उसे अपने काम में कामयाब होना था, लेकिन तुम बीच में आ कर उसका दीवार बन गई।"   मीरा हैरानी से ध्रुव को देखने लगी, उसे शालिनी बिल्कुल पसंद नहीं थी और जब भी शालिनी ध्रुव के पास जाती थी, तो मीरा को बहुत ही इनसिक्योर क फील होता था l लेकिन वो शालिनी की खतरनाक इरादे से अनजान थी l वो इतना जानती थी कि शालिनी अच्छी लड़की नहीं है, लेकिन वो ये भी नहीं जानती थी कि शालिनी कितना खतरनाक है ? तभी ध्रुव ने उसे समझाते हुए कहा, "डॉक्टर शालिनी एक मकसद लिए मेरे हॉस्पिटल में अपॉइंट हुई है, वो मेरे पेशेंट्स के साथ खिलवाड़ करते हुए उनके ऑर्गन्स को ट्रांसपोर्ट करना चाहती है l "  To be continued.......   Hi guy's,  Sorry to late post,

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