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Chapter 4

chapter 4

Love With My Beast Husband

अब आगे ......,    रात्रि उदास चेहरे लिए एक टक दादी को देख रही थी | वही रुक्मणि सर्वाक्ष को कॉल करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उधर से सर्वाक्ष उसका कॉल ही पिक नही कर रहा था | दादी को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था | ऐसे सुहागरात के वक्त इस तरह कोन अपनी बीवी को अकेले छोड़ जाता है ?    " क्या हुआ दादी...?अक्ष का कॉल नही लग रहा है ? " रात्रि ने मासूमियत से रुक्मणि से पूछा | रुक्मणि उसे कुछ कहती की तभी उसके फोन में कुछ नोटिफिकेशन का साउंड बजा |    रुक्मणि ने चेक किया | सर्वाक्ष ने ही उसे एक मैसेज ड्रॉप किया था | रुक्मणि ने पढ़ा,फिर अपने गुस्से को दबाते हुए रात्रि को देखी ,रात्रि उसे ही आस भरी नजरों से देख रही थी | जैसे वह अक्ष के बारे में ही सुनना चाहती हो ?   रुक्मणि बोली,""_ अक्ष किसी काम से बाहर गया है बच्चा...,उसने कहा है की वह देर से आएगा,तुम जाओ, रूम में जा कर रेस्ट करो | "      रवीश और ध्रुव की बाते रात्रि को बेचैन कर रखा था | और जब तक वह सर्वाक्ष को देखेगी नही तब तक उसे बिलकुल चैन भी नही था | वह रुक्मणि से मना करते हुए बोली,""_ दादी ...,मैं रूम में बोर हो रही हू, आप जा कर रेस्ट करिए ...., मैं यही बैठ कर उनका आने का wait करती हु | "   " लेकिन रात्रि...? " रुक्मणि उसका फिकर करते हुए कुछ बोलने को हुई | लेकिन रात्रि बहुत जिद्दी थी | वह ज़िद्दीपन से ही बोली,""_ मै यहा ठीक हु दादी ,आप जाइए,वैसे हमारा तो सुहागरात आज होने से नही रहा ,लेकिन आप जा कर मना सकती है क्यों की दादू अभी भी बेहद यंग और चार्मिंग लुक वाले है | "    बोलते हुए रात्रि ने अपना एक आंख मारा | रुक्मणि को बिलकुल नही पता था की उसकी पोता बहु इतना नकचढ़ है | वह उसे डांटते हुए बोली,""_ चुप करो तुम ? उम्र का तो लिहाज करती रात्रि,इस उम्र में हम कोई....? "   रात्रि अपने कमर में दोनो हाथ रख कर रुकमणी की बात को बीच में ही रोकते हुए बोली,""_दादी कोन कहता है प्यार करने के लिए उम्र का लिहाज करना जरूरी होता है ?  "      रुक्मणि उसके गाल पर चपत मारते हुए बोली,""_ बेशर्म....| "    रात्रि सिल्ली मुस्कान लिए दादी को देखने लगी 👉😁😶 दादी वहा से रूम के तरफ चली गई | भले ही उसने रात्रि को कह दिया था की वह बेशर्म है लेकिन उसकी बेशर्मी बात सुन रूक्मणी को शर्म भी आ गया था |    रात्रि की नजर अब door के तरफ गया था | वह फिर घड़ी में टाइम देखते हुए आ कर सोफे पर बैठ गई | उसे भी सर्वाक्ष पर गुस्सा आ रहा था लेकिन उसे ज्यादा अजीब सा बचौनी सता रहा था |       रात्रि अपना सर सोफे पर टिका कर अपने में ही सिकुड़ कर बैठने को हुई की तभी उसकी नज़र कॉफ़ी टेबल पर रखे हुए ड्रिंक्स पर गई | दादी के डांटने की वजह रवीश और ध्रुव ड्रिंक्स को वही छोड़ कर गए थे | रात्रि एक गहरी सांस लेते हुए थोड़ा दूर सरक कर बैठ गई | क्यों की ड्रिंक्स की स्मेल उसे  बिलकुल पसंद नही था |     रात के बारह बज रहे थे | घर में सब लोग थे लेकिन अपने अपने रूम में थे, जिस वजह से हाल में अजीब सा सन्नाटा पसर गया था | वही रात्रि सर्वाक्ष का वेट करते हुए अपना सर सोफे को टिका कर अपने आंखे बंद कर बैठी थी | लेकिन अचानक से उसके सामने एक लड़का दिखने लगा ,जो हाथ में एक कंजर पकड़ कर उसके तरफ बढ़ रहा था | और देखते ही देखते वह लड़का रात्रि के पेट में कंजर भी घुसा दिया |       "  आआह्ह्हह्ह.....| "     रात्रि चिल्लाते हुए झट से अपने आंखे खोल कर आस पास देखते हुए खुद को देखने लगी | उसके आस पास इस वक्त कोई नही था | और वह बिल्कुल सही सलामत थी |        रात्रि एक गहरी सांस लेते हुए सामने देखी,सामने ड्रिंक्स के दो तीन बोतल थे | रात्रि को अजीब सा डर और बेचैनी हो रहा था तो वह बिना सोचे समझे ग्लास उठा कर पीने लगी |     ड्रिंक्स बहुत ही कड़वा था, जिस वजह से उसका मुंह बिगड़ रहा था | लेकिन सर्वाक्ष के बारे में सोचते हुए वह कब कितना पेग पी गई उसे पता ही नही चला |       रात के दो बजे की आस पास सर्वाक्ष घर के अंदर आया | उसका औरा बेहद सर्द एक्सप्रेशंस से भरा था और वह इस वक्त अपने ही धुन में अंदर जा रहा था की तभी उसका पैर किसी बोतल से टकरा गया | वह रुक कर उस बोतल को देखा जो लुढ़कते हुए सोफे के पास जा रहा था |    सामने का नज़ारा देख अचानक से सर्वाक्ष के आंखे छोटी हो गई | वह गुस्से से रात्रि के तरफ बढ़ते हुए बोला ,""_ रात्रि.....? "   रात्रि अभी भी 🍻 ड्रिंक कर रही थी | और ड्रिंक करने के वजह से अब तक उसके खुबसुरत सी आंखे लाल रंगत में बदल गए थे | और वह पूरी तरह हिल भी रही थी |      वही सर्वाक्ष गुस्से से उसके पास जा कर ड्रिंक के बोतल को घूरते हुए उस पर चिल्लाते हुए पूछा ,""_ तुम ड्रिंक क्यों कर रही हो ? और यह सब तुम्हे किसने ला कर दिया ? हा ? "      रात्रि उसे ही ऊपर से नीचे तक देखते हुए ड्रिंक कर रही थी लेकिन सर्वाक्ष का इस तरह गुस्से से गरजने से उसके हाथ से ड्रिंक का ग्लास छूट गया था | वही सर्वाक्ष गुस्से से उसके बाजू पकड़ कर अपने करीब खींचते हुए गुस्से से पूछा,""_ तुम यहां बैठ कर ड्रिंक क्यों कर रही हो ? "        रात्रि अपने आंखे मलते हुए सर्वाक्ष को देख रही थी, दरसल उसे सर्वाक्ष का चेहरा दो तीन दिख रहा था जिस वजह से वह ध्यान से उसे देखने की कोशिश कर रही थी |    वह फिर उसके हाथ से अपना बाजू छुड़वा कर , कॉफ़ी टेबल पर रखे हुए बोतल उठाते हुए बोली,""_ क्यों की आ ....आज hic ..hic...हमारा सुहागारत था ,लेकिन आप मुझे छोड़ कर चले गए अक्ष,शादी के दिन ही आपने मुझे छोड़ा ? बस इसी दुख मैं पी गई, पी रही हु और पीती ही रहूंगी |      बोलते हुए रात्रि इधर से उधर हिल रही थी | वही अक्ष उसे ही गुस्से से देख रहा था | वह फिर उसके हाथ से बोतल छीनने को हुआ की तभी रात्रि कसके उसका कॉलर पकड़ कर अपने करीब खींच लड़खड़ाती आवाज में बोली ,""_ आ आप....,आपने मुझे छोड़ा ? शादी के दिन ही छोड़ दिया ? अब मुझसे कोन शादी करेगा अक्ष ? कोन अपनाएगा मुझे ? "    सर्वाक्ष की बाहें तन गए | उसके दिमाग में रात्रि की बाते ज्यादा नही घुस रहे थे क्यों की वह गुस्से से बस रात्रि का हालत देख रहा था | वह नशे में थी हिल रही थी |     सर्वाक्ष रात्रि के हाथ से अपने कॉलर छुड़वा कर बोला,""_ तुम......? "    सर्वाक्ष आगे बोलता की तभी रात्रि उसके होंठो पर उंगली रख कर बोली,""_ हा मैं....? मैं क्या मिस्टर खुराना ? मै.... मैं कोन हू,यह भी भूल गए आप  ? "   रात्रि पूरी तरह नशे में दूत हो गई थी | वह बोलते बोलते ही बोतल उठा कर फिर से पीने लगी | सर्वाक्ष को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था | वह गुस्से से उसके हाथ से बोतल चीन कर  नीचे फेंका ,फिर उसे सोफे पर धकेल कर चिल्लाते हुए बोला ,""_ तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है रात्रि ? यह क्या बेहुदा बाते करते हुए पी रही हो तुम ? "    रात्रि की नजर नीचे गिरे बोतल पर था | वह अपने राइट वाले सीने पर उंगली रख कर रूंधली सी आवाज में बोली,""_ आप .....,आप.मिस्टर सर्वाक्ष खुराना...,आपने ना सिर्फ मुझे धोका दिया है ,बल्कि मेरे दिल को बिलकुल इस बोतल की तरह तोड़ डाला,अगर मुझसे प्यार नही करते तो मुझे उठा कर क्यों ले आए ? क्यों मुझसे शादी की ? और क्यों मुझे छोड़ कर चले गए ? "    सर्वाक्ष ना समझी में रात्रि को देख रहा था जो अनाब शनाब बोले जा रही थी | वही रात्रि उठ कर सर्वाक्ष के करीब जा का उसका हाथ पकड़ा,फिर आपने राइट वाले सीने पर उसके हाथ रखते हुए बोली,""_ देखो,मेरा दिल कैसे रोते हुए शोर कर रहा है ? देखो नही नही यह तो अंदर है आप देख नही सकते ,बस सुनिए ,देखो नही सुनो | "   बोलते हुए रात्रि ने सर्वाक्ष के चेहरे को अपने सीने में रख दी | रात्रि को इतना नशा चढ़ गया था की उसे समझ नही आ रहा था की दिल कहा होता है |     वह लड़खड़ा रही थी | वह फिर सर्वाक्ष को खुद से दूर धखेल कर आगे जाने को हुई की तभी उसका पैर जोर से कॉफ़ी टेबल पर टकरा गया |    " अअह्ह्ह्ह्ह.....| " रात्रि लड़खड़ाते हुए गिरने को हुई की सर्वाक्ष उसे जल्दी से पकड़ कर सोफे पर बैठाते हुए बोला,""_ रात्रि....तुम्हे लगा तो नही...? "    सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया था | वही रात्रि रोते हुए अपने पैर को देख रही थी | लेकिन नशे में उस लड़की को अपना पैर दो दो दिख रहा था |      वही सर्वाक्ष अपने जेब से नैपकिन निकाल कर उसके पैर पर लपेटा | क्यों की टकराने से रात्रि की पैर में अब चोट लग गई थी और उस जगह में हल्के हल्के से खून भी आ रहा था |   अक्ष फिर रात्रि के आंसू पोछते हुए गुस्से से बोला ,""_ इतना ड्रिंक करने की जरूरत क्या थी तुम्हे ? सुबह होने दो फिर तुम्हे अच्छे से बताता हु ?    रात्रि रोते हुए सर्वाक्ष के चेहरे को छूते हुए बोली,""_ अक्ष...,मेरे पास तीन पैर कैसे आ गए ?पहले तो दो ही थे लेकिन अब तीन...,तीन पैर में मैं बिलकुल अच्छी नहीं दिखूंगी अक्ष....? अक्ष मेरा एक पैर काट दीजिए मुझे अच्छा नही लग रहा | "   रात्रि जोर जोर से रोते हुए अपने चोट लगी हुई पैर को देखने लगी | नशे में उसे सब सब ज्यादा कम दिखने लगे थे | वही उसके नकरे देख सर्वाक्ष का दिमाग घुम रहा था | वह फिर एक गहरी सांस लेते हुए उसे अपने गोद में उठाया,फिर उसे रूम के तरफ ले जाने लगा |        रात्रि रोते हुए अब उसके सीने में अपना नाक रब कर रही थी क्यों की रोने की वजह से अब उसका नाक बहने लगा था | अक्ष उसकी ही हरकते देख रहा था | लेकिन वह उससे बिना कुछ कहे रूम में ले गया |    फिर वह रात्रि को बेड पर आराम से लेटा कर,अपना ब्लाउसर उतार कर उसके करीब जाने को हुआ की तभी रात्रि गुस्से से उसे खुद से दूर धकेलते हुए बोली,""_ आ आप दूर रहिए मुझसे ....| "   " रात्रि......| " रात्रि का इस तरह गुस्से से दूर धकेलने से सर्वाक्ष को बहुत गुस्सा आ गया था | और गुस्से से वह रात्रि के चेहरे को कसके पकड़ कर उस पर चिल्लाया |      रात्रि का चेहरा रोनी जैसा हो गया था | वह रोते हुए अपने चेहरे से अक्ष का हाथ हटाने को हुई लेकिन उसका पकड़ बहुत ही मजबूत था | लेकिन रात्रि को रोता देख अक्ष को बहुत तकलीफ सा हो रहा था | वह उसका चेहरा गुस्से से झटका कर क्लोसेट रूम में चला गया |       वही दर्द से रात्रि की आंखो से आंसू बह रहे थे | लेकिन उसके पलके अब भारी भी हो रहे थे | वह अपने आंसू पोंछते हुए उठने को हुई लेकिन नशे में उसका हालत ही खराब था तो वह बेड से धड़ाम से नीचे गिर गई |    " अअह्ह्ह्ह्ह....अक्ष.....| "     रात्रि के मुंह से आह निकल गई | वही क्लोसेट रूम में सर्वाक्ष शर्ट उतार कर वार्डरोब ओपन किया ही था की तभी उसे कुछ धड़ाम से गिरने की आवाज सुनाई दी | वह जल्दी से भाग कर रूम में आया | लेकिन रात्रि को नीचे गिरा देख उसका औरा डार्क हो गया था |    वही रात्रि करहाते हुए अपने चूड़ियां उतारने की कोशिश कर रही थी | क्यों की निचे गिरने की वजह से उसके चूड़ियां टूट गए थे और वह वही निकालने की कोशिश कर रही थी लेकिन उल्टा कांच की टुकड़े उसे ही चुबते जा रहे थे |    " रात्रि.....? " सर्वाक्ष जल्दी से उसके पास आ कर उसके दोनो हाथ को देखने लगा | ज्यादा तो नही लेकिन हल्का हल्का सा उसे चोट लग ही गए थे | पहले पैर और अब हाथ को छोटा लगाता देख सर्वाक्ष को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन रात्रि होश में ही कहा थी? उसे कुछ भी कहना इस वक्त बेकार ही था | सर्वाक्ष उसे आराम से अपने गोद में उठा कर बेड पर बैठाया | फिर आराम से एक एक चूड़ी को उतारने लगा | वही रात्रि दर्द से कराहते हुए रो रही थी | वह उससे पूछी ,""_ आप मुझे छोड़ रहे है ? "    अक्ष उसे एक नज़र देखा ,फिर बिना कुछ कहे उसके चूड़ी को उतारने लगा | रात्रि हिलते हुए उसे ही देख रही थी लेकिन अक्ष को कोई जवाब नही देता देख रात्रि को ऐसा लग रहा था की रवीश और ध्रुव ने उसे सच ही कहा है |     वह रोते हुए उसके बेहद करीब जा कर उसके सीने में अपना सर टिकाते हुए बोली,"" _ आप मुझे कैसे छोड़ सकते है अक्ष...? आज ही तो आपने मुझसे शादी की और आज ही आपका मुझसे मन भर गया ? Hmmm ? आज ही आप मुझे छोड़ रहे है ? "   बार बार रात्रि को ऐसे छोड़ने की बात करता देख सर्वाक्ष की  आइब्रोज सिकुड़ गए | वह उसे खुद से अलग कर उससे पूछा ,""_  किसने कहा की मैं तुम्हे छोड़ रहा हु ?    रात्रि उसके गले में अपने दोनो बाहें डाल कर रोते हुए बोली,""_ सुहागरात के दिन पति रूम में ना आ कर कही और गया मतलब यही हुआ न की आपने मुझे छोड़ा है ? आप मुझे कैसे छोड़ सकते है अक्ष ? "     रात्रि अपनी डगमगाती आवाज में बोल रही थी | अक्ष उसके बात ही सुन रहा था | वह उसे अपने करीब खींचते हुए बोला ,""_ नही बच्चा,तुम गलत समझ रही हो ...,मुझे कुछ अर्जेंट काम आ गया था इसीलिए मुझे जाना पड़ा,इसका मतलब यह नहीं था की मैं तुम्हे छोड़ कर जा रहा हु | "   रात्रि अपना सर ऊपर कर उसे ही टिमटिमाते हुए देखने लगी वह पूछी,""_ सच्ची.....| "    अक्ष उसके माथे पर किस करते हुए कहा ,""_ हां.....| "रात्रि मासूमियत से मगर हिचकी लेते हुए बोली,""_ आ hic hic आप मुझे छोड़ कर कभी नही जाएंगे ? "  रात्रि की बाते सर्वाक्ष को चौंका रही थी | उसे समझ नही आ रहा था की यह लड़की उसके लिए इतना कैसे रोने लग गई ? ऐसा अचानक से क्या हुआ ? जो यह अचानक से ऐसे उस पर प्यार लुटाने लगी ?     अक्ष को कुछ भी जवाब नही देता देख रात्रि उसे फिर से पूछी,""_ अक्ष...,बोलिए ना ,आप कभी मुझे छोड़ कर नही जाएंगे न ? "    अक्ष ना में सर हिलाते हुए उसे आराम से लेटाया,फिर उसके ऊपर से उठने को हुआ तो रात्रि उसके तरफ हाथ बढ़ाते हुए बोली,""_ पिंकी प्रोमिस...? "   अक्ष उसके उंगली को पकड़ते हुए बोला ,""_ पिंकी प्रोमिस | "   रात्रि की चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गई | वह उसे अपने करीब खींच कर उसके गले लग गई | सर्वाक्ष इस वक्त शर्टलेस था | और इस वक्त रात्रि उसके सीने में अपना नाक रगड़ते हुए अपने होंठो से छू रही थी | वैसे तो उसे कोई होश नही था की वह क्या कर रही है लेकिन उसके ऊपर लेटे हुए सर्वाक्ष के बदन में करंट सा दौड़ रहा था |   क्या होगा आगे इस कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए           Â

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