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Chapter 37

chapter 37

Love With My Beast Husband

  अब आगे....,    " यह सही है तुम्हारा,पहले बहकाओ फिर तड़पने के लिए छोड़ दो.....| "        सर्वाक्ष ने दांत भींचते हुए कहा ,वही उसके सीने में अपना सर टिका कर लेटी हुई रात्रि की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई थी ,उसने जानबूझ कर ही तो ऐसा किया था |     रात्रि धीरे से अपने सर ऊपर कर सर्वाक्ष का गुस्सैल चेहरा देखी,सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया था और वह इस वक्त उसके तरफ देख भी नहीं रहा था |      रात्रि धीरे से उसके चेहरे को अपने तरफ घुमाने को हुई लेकिन सर्वाक्ष हिला तक नही | वह इस वक्त उससे इतना नाराज़ हो गया था की वह उसके तरफ देख भी नहीं रहा था |     रात्रि की चेहरे पर स्माइल अभी भी थी,उसे ऐसे सताने में रात्रि को बड़ा ही मज़ा आ रहा था | वह थोड़ा अपना सर टेढ़ा कर सर्वाक्ष के होंठो पर अपनी गुलाबी होंठो को रख दिया |     रात्रि को होंठो का स्पर्श पाते ही सर्वाक्ष ने कसके अपने आंखे बंद की,वही रात्रि धीरे से उसके होंठो को अपने होंठो के गिरफ्त में ले कर चूमने लगी | सर्वाक्ष बिना उसे कोई रेस्पॉन्स दिए ही उसके किस को फील करने लगा |     वही रात्रि सर्वाक्ष के गालों को सहलाते हुए उसके होंठो को किस कर रही थी | लेकिन सर्वाक्ष को रेस्पॉन्स ना देता वह रुक गई |    सर्वाक्ष अभी अभी अपने आंखे बंद कर लेटा था और रात्रि का इस तरह होंठो को रिहा करने से भी उसने कुछ नही कहा यह देख रात्रि का चेहरा एक दम से गुस्से से फूल गया ,वह उसके ऊपर से उठते हुए बोली,""_ अगर आपको इतना ही सुकून से सोना था तो मुझसे शिकायते क्यों की की, मैंने आपको बहका कर ऐसे तड़पने छोड़ दिया ? हां ? "   सर्वाक्ष अपने आंखे खोल कर उसे बिना भाव के देखा ,फिर रात्रि को अपने करीब खींच कर ,उसके निचले होंठो को सहलाते हुए कहा ,""_ mmm...., पता नही आज इन होंठो से मिली किस से बिलकुल मजा ही नही आई रात्रि.?          रात्रि की आंखे गुस्से से फैल गए | वह अपने दांत पीसते हुए बोली,""_ क्या मतलब है आपका ? आप...,आप यह कह रहे है की मेरा किस करना आपको अच्छा नही लगा ? Hmmm ? "      रात्रि की बात सुन सर्वाक्ष की आईब्रोज आपस में ही जुड़ गए | वह सावलिया निगाहों से देखते हुए उससे कहा ,""_ मैने ऐसे कब कहा बीवी...? "    रात्रि गुस्से से उसके तरफ प्वाइंट करते हुए बोली,""_ आपका कहने का मतलब यही था अक्ष ....,आपको जरूर किसी और का किस अच्छा लग रहा होगा ? इसीलिए आपको मैं....? "  सर्वाक्ष गुस्से से उससे बेहद सख्ती से कहा ,""_ यह क्या बकवास कर रही हो तुम ? "        रात्रि ने अपने दांत पीसते हुए गुस्से से कहा ,""_बकवास नही सच कह रही हू अक्ष..,अगर मेरा आपके होंठो को चूमना अच्छा नही लग रहा है तो जरूर आप किसी के साथ चक्कर चला रहे ......| " "   रात्रि.....? " सर्वाक्ष गुस्से से उस पर हाथ उठाते हुए चिल्लाया तो रात्रि सहम कर उससे पीछे हट गई | वही सर्वाक्ष बेहद गुस्से से उसे घूर रहा था ,रात्रि की बकवास सुन उसे मारने उसका हाथ तक उठ गया था |       सर्वाक्ष की हाथो की मुट्ठी भींच गए | उसने उसे मजाक में चिढ़ा रहा था लेकिन उसकी मजाक को रात्रि कही और ही ले गई थी |       वही रात्रि की आंखों से आंसू बहने लगे थे | सर्वाक्ष उठ कर विंडो के पास चला गया ,वह रात्रि पर हाथ उठाना नही चाहता था ,लेकिन रात्रि की इतना गिरी हुई बात सुन उसका गुस्सा कंट्रोल से बाहर चला गया था |    वही रात्रि रोते हुए अभी भी सर्वाक्ष को देख रही थी ,उसे ऐसा लग रहा था की उसने अभी अभी सर्वाक्ष को ज्यादा ही सुना दिया ,उसे अपने पिछले जन्म के बारे में सब कुछ अच्छे से याद था, सर्वाक्ष के लिए उस जन्म में भी लाको लड़किया मर मिटते थे लेकिन सर्वाक्ष सिर्फ उसे चाहता था | और इस जन्म में भी रात्रि को सर्वाक्ष पर खुद से भी ज्यादा भरोसा था | लेकिन गुस्से में आ कर उसने उसे क्या क्या सुना दिया उसे सच में समझ नही आया था |      वही सर्वाक्ष सिगरेट का कश लेते हुए दूर तक अपने नज़रे गड़ाए खड़ा था | तभी उसे महसूस हुआ की रात्रि उसके करीब आ रही है लेकिन सर्वाक्ष ना उसके तरफ मुड़ा और नाही वह अपने जगह से हिला |      वही रात्रि धीरे से उसके सामने आई ,फिर उसके सिने से लग गई | सर्वाक्ष उसे बिना छुए अभी भी बाहर की ओर देखते खड़ा था | तभी रात्रि ने अपने दोनो हाथ उसके कमर में लपेट कर अपना चेहरा उसके सीने में छिपाते हुए कुछ बोलने को हुई की तभी सर्वाक्ष का फोन रिंग होने लगा |     रात्रि अपना रुवास सा चेहरा ऊपर कर सर्वाक्ष को देखी,सर्वाक्ष उसे देख ही नहीं रहा था ,वह उससे अलग हो कर अपना फोन चेक किया ,कॉल इस वक्त रवीश का था |   सर्वाक्ष ने कॉल पिक करा ,तभी उधर से रवीश ने मीटिंग के बारे बताते हुए कहा ,""_ अक्ष...,तुम्हारा मीटिंग में आना जरूरी है | "    " Mmmmm....| "  सर्वाक्ष ने कॉल कट करा फिर रात्रि को देखा,रात्रि उसके बेहद करीब ही खड़ी थी लेकिन वह अपने दोनो हाथो को आपस में ही उलझा कर रब करते  हुए खड़ी थी |       सर्वाक्ष बिना कुछ कहे उसे अपने गोद में   उठा कर बेड के पास ले गया | फिर रात्रि को आराम से बेड पर लिटा कर बाहर चला गया |     रात्रि नम आंखो से उसे बस जाता हुआ देख रही थी |   मीटिंग रूम.....,    सर्वाक्ष मीटिंग रूम में आ कर अपने रिवॉल्विंग चेयर पर बैठ गया ,उसका औरा बेहद सर्द और गुस्सैल एक्सप्रेशन के साथ भरा था ,जाहिर था रात्रि की वजह से उसका मूड ज्यादा ही खराब था |          मीटिंग रूम में इस वक्त रवीश ,रूही और कुछ बिजनेस डीलर्स बैठे थे ,जिनके साथ सर्वाक्ष को कोलाब्रेशन करना था |   वह आदमी जिसका नाम रितेश देसाई था | वह सर्वाक्ष को ग्रीट करते हुए बोला ,""_ हेलो मिस्टर खराना | "   सर्वाक्ष बेहद ठंडेपन से बोला ,""_ Hello...| "   सर्वाक्ष का इतना ठंडा लहज़ा देख रितेश के रोंगटे खड़े हो गए थे | तो वही रवीश एक टक सर्वाक्ष को देखते हुए अपने मन में बोला ,""_ अक्ष के साथ अचानक से क्या गड़बड़ा हो गया ? यह इतना गुस्से में क्यों है ? "    रवीश को समझ नही आ रहा था ,और वैसे भी रवीश को अभी तक पता नही चला था की रात्रि को थोड़ी देर पहले पैनिक अटैक हुआ था |      वही रितेश ध्यान से सर्वक्ष को देखते हुए अपने मन में बोला ,""_ यह सर्वाक्ष खुराना इतना ठंडेपन से बात क्यों कर रहा है ? और उसका यह खतरनाक डेडली लुक... ? कही यह गैंगस्टर मुझे मार तो नही डालने वाला ? "   सर्वाक्ष ने फिर से उसी खतरनाक लहजे में उनसे कहा,""_ मीटिंग शुरू करें ? "  रवीश अपना सर हा में हिलाते हुए थोड़ा हकलाते हुए कहा ,""_हाँ.. हाँ.....| "   रवीश फिर कुछ फाइल्स को सर्वाक्ष के तरफ बढ़ाते हुए अपने मन में बोला,""_ damn...., अक्ष तो बहुत गुस्से में लग रहा है... ,कही कोई मरने वाला तो नही ? क्या मुझे किसी की अंतिम संस्कार की तैयारी करनी चाहिए...? क्यों की ऐसा लग रहा है की आज इसके गुस्से के कारण कोई न कोई तो मरेगा ही | "     सर्वाक्ष का इस तरह का ठंडा औरा देख कर रितेश बैठे बैठे ही डर कर कमाओ रहा था लेकिन वह अपने डर को पूरी तरह कोशिश कर रहा था लेकिन उसका नर्वस नेस और माथे पर छूट रही पसीना उसके कोशिश को ना कामयाब बना रहा था |    जल्द ही मीटिंग शुरू हुआ लेकिन हर वक्त  सर्वाक्ष वहा सबको अपने जानलेवा वाइब्स देते बैठा था |   तीन घंटे की उबाऊ मीटिंग के बाद....., सर्वक्ष उसी ठंडेपन से रितेश से कहा ,""_ Happy colabration ....| "  रितेश भी उसे हकलाते हुए कहा ,""_ हैप्पी..co....colabration....? "  सर्वाक्ष उठ कर बाहर चला गया | उसके जाते ही रितेश की जान में जान आई ,वह गहरी सांस लेते हुए रवीश को देखा | रवीश ना समझी में अभी भी डोर की तरफ देख रहा था ,तभी उसके कान में रूही की हंसने की आवाज सुनाई दी |    रवीश की आंखे छोटी हो गई ,वह गुस्से से उसके तरफ मुड़ कर पूछा ,""_ तुम हंस क्यों रहे हो ? "   रूही हल्के से खांसते हुयबुस्के बेहद करीब जा कर पूछी,""_अहम...,जब तुमने बॉस को कॉल किया था ,तब वह कहां थे ? "     रवीश ने अपना कंधा उचकाते हुए कहा ,""_ मुझे इसके बारे कैसे पता होता ? "  रूही उसे ऐसे देखने लगी जैसे उसके सामने रवीश नही कोई बेवकूफ खड़ा हो,रूही को पता था की रात्रि का तबियत ठीक नहीं है तो सर्वाक्ष हर वक्त उसके साथ ही होगा और इस तरह उसे छोड़ कर मीटिंग के लिए आना उसे गुस्सा दिला रहा हो ? वैसे रूही सही तो सोच रही थी,सर्वाक्ष रात्रि के साथ ही था और भले ही वह उससे नाराज था लेकिन वह रात्रि को वैसे हाल में छोड़ कर आने उसका मन नही हो रहा था ,वह बस मजबूरन मीटिंग अटेंड करने आया था |  रूही रवीश को हल्के गुस्से से घूरते हुए पूछी,""_ क्या आप उनके दोस्त नहीं हैं ? "  रविश ने भी उसी के लहजे में जवाब देते हुए कहा ,""_ तो ? तो तुम क्या चाहती हो कि मैं चौबीसों घंटे उससे ही चिपका रहूँ ?    रवीश का टेढ़ा जवाब सुन रूही मुंह का मुंह बन गया,वह गुस्से से बोली,""_ तुम पहले से ही उनसे चिपके हुए हो , you..चिपकू इंसान | "  You..💢💢💢 " रवीश ने दांत पीसते हुए रूही को घूरने लगा | लेकिन रूही को उसके घूरने से क्या ही फरक पड़ने वाला था ? वह गुस्से से वहा से जाते हुए बोली,""_ idiot...| "   गुस्से से रवीश की दांत भींच गए | वह जाते हुए रूही को देख चिल्ला कर बोला ,""_रूही... ,मैं तुम्हें अभी ऑफिस से बाहर फेंक दूँगा | "   बाहर गई हुई रूही ने चिल्लाते हुए रवीश को जवाब में बोली,""_ मैं तो इसी का इंतजार कर रही हूं | "   यह सुन रवीश गुस्से से बड़ाबड़ाते हुए बोला ,""_ उह्ह्ह....सुबह से ये औरतें मेरे पीछे पड़ी हैं...इसे आस पास देख कर तो अब मुझे मरने का मन हो रहा है हुह | "        रवीश खड़े खड़े ही रूही को बस कोसे जा रहा था l वही उसके बगल में ही खड़े रितेश अभी भी उसे और रूही को हैरानी से अपने आंखे फाड़े देखे जा रहा था | वह दोनो ऐसे लड़ रहे थे जैसे वह उनके सामने हो ही नही |     रितेश अपने मन में बोला ,""_ क्या इस आदमी को मैं दिख भी रहा हु या मैं उसके लिए इनविजिबल हू | "   वही रवीश बिना रितेश के तरफ देखे ही अपना पैर पटकते हुए चला गया | यह देख रितेश का मुंह बन गया था ,वह फिर वहा से चला गया |      दूसरी तरफ... ,   रावी आज कॉलेज आई हुई थी | क्लास रूम में बैठी हुई उस लड़की का ध्यान क्लास में चल रही लेक्चर पर नही डोर की तरफ था |     वह बार बार मैन डोर के तरफ देखते हुए रात्रि का आने का इंतजार कर रही थी लेकिन आज रात्रि कॉलेज ही नही आई थी |     सारे क्लास खत्म होने के बाद रावी उठ कर बाहर जाने को हुई की तभी उसका फोन रिंग हुआ ,फोन के स्क्रीन पर शो हो रही नाम देख उसका जबड़ा कस गया लेकिन वह जल्दी से अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए कॉल पिक कर बोली,""_ रात्रि आज कॉलेज नही आई है ,जैसे ही काम हो जाएगा मैं आपको बात दूंगी | "     उधर से किसी ने कुछ कहा जिसे सुन रावी का चेहरा और गुस्से से भर गया ,वह कुछ बोलने को हुई की तभी उधर से कॉल भी काट दिया गया |   रावी एक टक फोन के स्क्रीन को देखते हुए बोली,""_ यह आदमी हाथ धो कर मेरे पीछे पड़ा हुआ है ,पता नही उस रात्रि में क्या ही खास बात है ? हर कोई उसे उठाने की बात करता है हुह | "       रावी जा कर कॉलेज के बाहर खड़े हुए एक ब्लैक कार के पास गई,जहा कुछ गार्ड्स खड़े थे ,रावी जा कर उसमे बैठ गई |    खुराना एंटरराइजेस....,     मीटिंग रूम से बाहर आ कर सर्वाक्ष सीधी अपने केबिन में चला गया था | लेकिन वह सीक्रेट रूम में ना जा कर अपने कैबिन में ही बैठ कर काम करने लगा था |     उसका पूरा ध्यान भले ही इस वक्त अपने काम में था लेकिन उसके दिमाग में बार बार रात्रि की कही हुई बाते गूंज रहे थे | वह लड़की कैसे उस पर ऐसे शक कर सकती है ? जब की वह उसके अलावा किसी को देखता तक नही |    सर्वाक्ष को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था और वह गुस्से से लैपटाप के स्क्रीन के एक कॉर्नर पर दिख रही रात्रि को घूर भी रहा था |    सर्वाक्ष बैठे बैठे सीक्रेट रूम में सोई हुई रात्रि का हर एक हरकत को लैपटॉप में नोटिस कर रहा था | रात्रि बैठे बैठे ही गहरी नींद में चली गई थी लेकिन उसका वह खूबसूरत सा चेहरा इस वक्त पिला पड़ गया था |   क्रियान्श का विला .....,     क्रियांश सामने खड़े उदय को गुस्से से घूर रहा था | वही उदय का माथे पर पसीना छूट रहा था,वह डरते हुए थोड़ा हकलाते हुए बोला ,""_ बो.....बॉस....हमने रात्रि की आसिस्टेंट रूही शर्मा तक आपका msg भेजा है ,लेकिन उस लड़की ने इस बारे में अभी तक कोई रिस्पॉन्स नही दिया | "    क्रियाँश ने गुस्से से बोला ,""_ वह लड़की सिर्फ सुंदर ही नही टैलेंटेड भी है ,उसके वजह से वह गैंगस्टर डायमंड मार्केट में भी अपना पकड़ मजबूत कर रहा है उदय....,मुझे जल्द से जल्द वह लड़की मेरे बाहों में चाहिए मतलब चाहिए  | "  उदय को समझ नही आ रहा था की क्रियांश को कैसा बताए ? वह जितना रात्रि तक पहुंचने का कोशिश कर रहा था उतना सर्वाक्ष रात्रि के आस पास हाई सिक्योरिटी अलर्ट कर चुका था |  उदय ने सिर्फ हा में जवाब देते कहा ,""_ ok boss...| "   उदय वहा से जाने को हुआ की तभी क्रियांश उसे रोकते हुए कहा ,""_ और उस रावी पर नज़र रखो,वह लड़की बहुत ही चालाक है | "  उदय सर हिला कर वहा से चला गया |   खुराना एंटरप्राइजेज.....,      करीब दो घंटे बाद रात्रि की नींद खुली,रात्रि धीरे से कसमसाते हुए उठने को हुई की तभी उसके सर में तेज दर्द मेहसूस हुआ |      अह्ह्ह्ह्ह....| "     रात्रि सर पकड़ कर कराहते हुए बैठ गई | फिर वह आस पास सर्वाक्ष को ढूंढी ? सर्वाक्ष वहा नही था यह देख वह थोड़ी देर उदास चेहरे लिए ऐसे ही बैठी रही,फिर उठ कर वाशरूम में चली गई |      वही बाहर कैबिन मे बैठे हुए सर्वाक्ष की चेहरे के हाव भाव एक दम से नरम पड़ गए थे ,जब रात्रि ने दर्द से कराह तो उसके दिल में दर्द का लहर उठ चुका था | वह उसे इस तरह दर्द में देखना नही चाहता था |     थोड़ी देर बाद रात्रि फ्रेश हो कर वाशरूम से बाहर आई,उसके आंखे मोटे और लाल हो गए थे ऐसा लग रहा था की उसने बहुत देर तक रोया हो ? सर्वाक्ष का नाराज होना उसे खालीपन मेहसूस करा रहा था |     रात्रि रूम से बाहर जाने को सोची की तभी उसकी नज़र सोफे के तरफ गई,जहा सर्वाक्ष ट्रे में रखे हुए खाने को प्लेट में सर्व कर रहा था |     उसे देखते ही रात्रि की आंखे आंसुओ से भर गए | वह जल्दी से उसके पास जा कर उससे लिपट कर रोने लग गई |   वही सर्वाक्ष की आंखे कसके बंद हो गए ,और अपने दांत पीसते हुए एक एक बात भी चबाते हुए कहा ,""_ अगर तुमने अभी रोना बंद नही किया तो तुम सोच भी नही सकती रात्रि की..., मैं तुम्हारे साथ क्या कर दूंगा | "     रात्रि सिसकते हुए अपना सर ऊपर कर सर्वाक्ष को देखी,फिर उसके पूरे चेहरे पर किस करते हुए उसके गोद में जा कर बैठ गई |   क्या होगा आगे इस कहानी में ? रात्रि कैसे मना लेगी अक्ष को और क्रियांश क्या करने वाला है ? जानने के लिए पढ़ते रहिए ,To be continued...............

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