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Chapter 16

chapter 16

Love With My Beast Husband

   खुराना मेंशन........,        सर्वाक्ष का कमरा .....,      रात्रि रोते हुए चुपचाप सर्वाक्ष के गोद में बैठी थी | रोने के वजह से उसका चेहरा इस वक्त एक दम से लाल हो गया था और हल्के से उसके आंखे सूझ भी गए थे | वह गुस्से से सर्वाक्ष के गोद में से उठने को भी हुई थी लेकिन सर्वाक्ष ने उसके कमर में अपना पकड़ मजबूत कर दिया था |     वही सर्वाक्ष लाचारी में रात्रि का रूवास सा चेहरा ही देख रहा था | वह धीरे से उसके कंधे पर अपना टुडी रख कर, उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपाते हुए सख्ती से बोला ,""_ रोना बंद करो बीवी..., वरना में तुम्हे कल सुबह हॉस्टेल छोड़ आऊंगा | "     रात्रि का रोना तेज़ हो गया | और वह मुड़ कर सर्वाक्ष के सीने में जोर जोर से मारने लगी | यह आदमी उसे मनाने के बजाए उसे धमका रहा है ? रात्रि की हरकत से सर्वाक्ष के आंखे कसके बंद हो गए | वह तेज़ आवाज़ में रात्रि का नाम चिल्लाया,""_ रात्रि....? "    रात्रि सहम कर चुप हो गई ,लेकिन उसका रोना बंद नही हुआ था | वह रोते हुए धीरे से बोली,""_ मैं बहुत तंग कर रही हु ना आपको ? आप मुझे कल हॉस्टल ही छोड़ आइएगा ,मैं वही अकेले ठीक हु | "   रोते हुए रात्रि उससे अलग हो गई | सर्वाक्ष उसे ही देख रहा था | वह उसे एक ही झटके में अपने करीब खींच कर गुस्से से बोला ,""_ कर लिया बकवास ? "    रात्रि रोते हुए उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपाते हुए उससे लिपट गई | वही सर्वाक्ष उसे अपने बाहों में भरते हुए हेड्रेस्ट को टिक कर बैठ गया | रात्रि अभी भी रो रही थी | सर्वाक्ष ने उसके पीठ को सहलाते हुए कहा ,""_ stop crying Ratri..| "   रात्रि रोते हुए अब हिचकीया ले रही थी | वही सर्वाक्ष उसके चेहरे को अपने हाथो में भर कर उसके आंसू पोछा,फिर उसके करीब झुकते हुए पूछा ,""_ you love me ? "  रात्रि उसके गर्दन में अपने दोनो बाहें डाल कर हार्शली अपना गाल उसके गाल से सहलाते हुए उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा ली | सर्वाक्ष अभी भी उसके जवाब का इंतजार कर रहा था | वह उससे फिर पूछा ,""_ मैने कुछ पूछा है बीवी ? "  " तो....? " रात्रि टेढ़ी जवाब देते हुए सर्वाक्ष के गर्दन में फिर अपना नाक रगड़ने लगी | वही सर्वाक्ष की आंखे छोटी हो गई थी ,वह थोड़ा तंज कसते हुए बोला ,""_ तो बदले में तुम्हे मुझे जवाब भी देना चाहिए रात्रि | "    रात्रि थोड़ी देर खामोश रही ,फिर अपना सर ऊपर कर सर्वाक्ष को घूरते हुए नाराजगी भरी लहजे में बोली,""_ आपने कभी मुझे सीधी मुंह जवाब दिया है ? नही न....तो मैं भी आपको कोई जवाब नही दे रही | "     सर्वाक्ष का औरा एक दम से सर्द हो गया | वह इंसान पहले ही शॉर्ट टेंपरेड था और ऊपर से रात्रि की फीलिंग्स उसके लिए सच्चे है या उसमे कुछ झोल है यह उसे समझ ही नही आ रहा था |      वही रात्रि अपना मुंह फुलाए बस सर्वाक्ष को देख रही थी लेकिन अचानक से सर्वाक्ष का औरा डार्क होता देख वह फिर से सहम गई | वह अपने दोनो हाथो को आपस में उलझा कर रब करते हुए सर्वाक्ष से बोली,""_ आ आप...आपको जब देखो तब बस मुझ पर गुस्सा करना होता है अक्ष,आप बस चिल्लाते हुए डरा धमका कर मुझे रुलाना जानते है ,प्यार तो आप मुझसे करते ही नहीं है | "     रात्रि अपना सर झुका कर किसी छोटी बच्ची की तरह उससे शिकायत कर रही थी | वह बेहद क्यूट और किसी खरगोश की बच्चे की तरह लग रही थी | सर्वाक्ष उसे अपने बेहद करीब बैठा कर उसके गालों को पिंच करते हुए बोला ,""_ mmm..., मेरी बीवी को लगता है की मैं उससे प्यार नही करता ? "   सर्वाक्ष का इस तरह करीब बैठाने से रात्रि के गाल सर्वाक्ष के होंठों के बेहद करीब गए थे | वह उसके गरम सांसों को अपने गाल पर मेहसूस कर रही थी, जिससे उसका गाल और कान शर्म से एक दम से लाल हो गए थे |     वही सर्वाक्ष अपने नाक को रात्रि की इयरलोब पर रब करते हुए धीरे से मगर husky voice में बोला ,""_ hmmm....., चलो आज तुम्हारे सारे शिकायते दूर कर देता हु | "    सर्वाक्ष की आवाज में इतना कशिश था की वह लड़की अपने आप ही सिमट कर उसके बाहों में ही खींचे चली गई | और ऊपर से सर्वाक्ष के होंठ उसके इयरलोब पर घूमते हुए उसके अंदर अजीब सा सिहरन सा पैदा कर रहा था | रात्रि का एक हाथ अब सर्वाक्ष के ताहि में कस गया था तो वही रात्रि का दूसरा हाथ उसके शर्ट में ...|      सर्वाक्ष उसके टी शर्ट के अंदर अपने ठंडे हाथ को घुसाते हुए उसे सिहरने पर मजबूर कर रहा था | रात्रि की मुंह से हल्के हल्के से आहे निकल रही थी | और वह बार बार सूखे रहे अपने होंठो को अपने जीव से गिला भी कर रही थी |   " mmmmmm.. अ .....,अक्ष......| " रात्रि कसमसाते हुए सर्वाक्ष के गोद में से उतरने को हुई लेकिन सर्वाक्ष उसे अपने आपसे चिपका कर उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर उसे किस करने लगा | रात्रि की पकड़ सर्वाक्ष के हाथ में कस गया |     सर्वाक्ष धीरे से उसे बेड पर सुला कर उसके ऊपर आ गया | रात्रि की अब तक सांसे तेज हो गए थे | और उसका सीना ऊपर नीचे होते हुए सर्वाक्ष के सीने से टकरा भी रहा था | वही सर्वाक्ष बेहद नशे से उसे देखते हुए उसके होंठो के बेहद करीब झुका फिर उसके होंठो के किनारों में किस करते हुए रात्रि की टी शर्ट को उसके कंधे से नीचे सरका दिया |     रात्रि बस आहे भर रही थी | वह खुद में ही सिमटने की कोशिश भी कर रही थी, तभी सर्वाक्ष ने एक ही झटके में उसके ट्राउसर का नाड़ी खींच दिया | रात्रि की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई ,वह उठने को हुई लेकिन सर्वाक्ष उसे बेड पर गिरा कर ,अपने होंठो को उसके कमर तक ले गया |     रात्रि अपने आंखे बंद कर आहे भरते हुए धीरे से सर्वाक्ष का नाम लि,""_ अ... अक्ष....ummm....| "   रात्रि की होंठ अचानक से अपने दांतो के बीच दब गए क्यों की सर्वाक्ष के होंठ उसके बेली पर रुक गए थे | वह बेहद नशे से उसके कमर को चूमते हुए उसे गीला कर रहा था | रात्रि की दोनो हाथ अब बेडशीट में कस गए थे | वह हल्के से आहे भरते हुए सर्वाक्ष के नीचे किसी मछली की तरह मचल रही थी |    सर्वाक्ष उसके कमर को बिना रुके चूमे जा रहा था | उसका इस तरह चूमने से रात्रि का पेट हल्के हल्के से ऊपर भी उठ रहा था | रात्रि धीरे से सर्वाक्ष के चेहरे को पकड़ कर हल्के से ऊपर उठाते हुए बोली,""_ आ आप ....मुझे तड़पा क्यों रहे ? "     सर्वाक्ष टेढ़ी स्माइल करते हुए अपने उंगलियों को रात्रि की कमर में नचाते हुए उसके चेहरे के बेहद करीब गया | रात्रि की सांसे अटक गए थे | वह धीरे से सिहरते हुए कुछ कहने को हुई की तभी अचानक से उसके आंखे बड़ी हो गई | और वह सर्वाक्ष को देखते हुए अपना सर ना में हिलाने लगी जैसे कह रही हो की आगे ना बढ़े | लेकिन सर्वाक्ष पूरी तरह बहक चुका था | वह रात्रि के होंठो के करीब झुक कर उसके होंठो पर प्यार से चूमते हुए कहा ,""_क्या कह रही थी तुम मैं तुमसे प्यार नहीं करता ? आज मैं तुम्हे अपने प्यार का एहसास दिला कर ही रहूंगा बीवी....,वैसे यह रात हमारे लिए काफी तो नही है लेकिन.......ummmmm  | "     बोलते हुए सर्वाक्ष रात्रि की होंठो को बेरहमी से अपने मुंह में भर लिया | वही दर्द से रात्रि की आंखे भींच गए | वह कसके सर्वाक्ष के शर्ट को पकड़ कर कसमसाने को हुई की तभी सर्वाक्ष सॉफ्ट हो कर उसे किस करने लगा | रात्रि भी शांत हो कर अपने आंखे खोल कर सर्वाक्ष को देखी,लेकिन रात्रि की आंखो में आंसू देख कर सर्वाक्ष रुक कर उसके होंठो को सहलाते हुए पूछा ,""_ ज्यादा दर्द हो रहा है ? "    रात्रि ने धीरे से कहा,""_थोड़ा सा....| "   सर्वाक्ष झुक कर उसके माथे पर किस किया,फिर रूम का लाइट ऑफ किया लेकिन रूम में छोटू सा रेड लाइट ऑन ही रहा ताकि रात्रि अंधेरे से डरने ना लग जाए |     रात्रि की दोनो सर्वाक्ष के खुले सीने में घूम रहे थे | वही सर्वाक्ष उसके ऊपर आ कर रात्रि की होंठो पर अपने जीव फेरा फिर धीरे से उसके होंठो को अपने होंठो के गिरफ्त में ले लिया | रात्रि की आंखे सुकून से बंद हो गए और उसने धीरे से अपने  हाथ को सर्वाक्ष की गर्दन के चारों ओर लपेट दिया |          दोनों ही एक-दूसरे को कसकर पकड़ते हुए अपने आपसे चिपका रहे थे,उनके बीच अब कोई अंतर नहीं था |    धीरे से रात्रि के हाथ कभी सर्वाक्ष के खुले सीने पर आती तो उसके पीठ पर घुमने लगते, उसका हर एक स्पर्श सर्वाक्ष के शरीर में एक तरह की चिंगारी दे रहा था | सर्वाक्ष किस को वाइल्ड करते हुए रात्रि का ट्राउसर उतार कर उसके गोरे गोरे ताहि को सहलाने लगा | रात्रि अपने में ही सिमटते हुए उसके कंधे को कसके पकड़ ली |       वही सर्वाक्ष ने धीरे से चुंबन तोड़ा और रात्रि को बेहद प्यार से देखा | रात्रि अब जोर-जोर से सांस ले रही थी,उसका चेहरा मंद सुनहरी रोशनी में बेहद खूबसूरत दिख रहा था | और ऊपर से रात्रि ने शर्म से अपने पलके नीचे झुका ली थी | सर्वाक्ष का दिल जोरो से धड़क उठा,वह उसके पूरे चेहरे पर बिना रुके एक दम से डेस्परेट हो कर चूमते हुए उसके टी शर्ट को भी निकाल कर फेंक दिया |    रात्रि अब पूरी तरह उसके सामने बिना लिबास के थी और उस red light में उसका बदन चमक रहा था | सर्वाक्ष अपने नाकुन चबाते हुए एक नज़र रात्रि को बेहद दीवानगी से देखा,फिर अपने कपड़े भी उतार कर उसके ऊपर आ गया |    रात्रि शर्म से अपना चेहरा एक तरफ झुका कर हल्के से अपने निचले होंठो को काटने लगी | वही सर्वाक्ष धीरे से उसके चेहरे को अपने तरफ घुमा कर उसके कमर को बेहद सेनशुली सहलाने लगा | रात्रि एक दम से सिहर उठी,वह बेचैनी से सर्वाक्ष से कुछ कहने को हुई की तभी सर्वाक्ष उसके होंठो को  धीरे-धीरे उसे चूमने लगा, उसका किस बेहद सॉफ्ट और प्यार भरा था |     उसका प्यार करने का अंदाज ही बता रहा था कि वह रात्रि से कितना प्यार करता है...? उसका हर स्पर्श रात्रि के पेट में तितलियाँ उड़ा रहा था | सर्वाक्ष का किस धीरे-धीरे सॉफ्ट से वाइल्ड होते जा रहे थे |    कुछ ही देर में रात्रि की सांसे फूलने लगे तो सर्वाक्ष उसके होंठो को रिहा कर उसके गर्दन को चूमने लगा | रात्रि moan करते हुए उसके बालो में उंगलियां फिरा रही थी | सर्वाक्ष के होंठ अब नीचे सरक रहे थे | कभी उसके सीने पर रुक कर हरकत करते तो कभी कमर पर...रात्रि आहे भरते हुए अपना चेहरा इधर उधर घुमा रही थी | नया सा था एहसास था जो वह खुल कर उसके बाहों में मेहसूस कर रही थी |   वही सर्वाक्ष उसके पूरे बदन को चूमते हुए लव बाइट्स दे रहा था | रात्रि बीच बीच में दर्द से कराह भी रही थी | थोड़ी देर ऐसे ही चूमने के बाद सर्वाक्ष उसे एक नजर देखा,फिर उसके चेहरे के बेहद करीब आते हुए एक दम से उसके अंदर समा गया | रात्रि की मुंह से अचानक से  दर्द भरा तेज़ चिक निकला |      " अअह्ह्ह्ह्ह ....अक्ष......नही अक्ष....बाहर आइए अक्ष प्लीज....| "    रात्रि की आंखो के कोनो से आंसू बह गए | वह दर्द से करहाते हुए अपना सर ना में हिलाई,तभी सर्वाक्ष उसके होंठो को अपने मुंह में भर लिया | रात्रि की आंखे कसके बंद हो गए,वह दर्द सहने की कोशिश कर रही थी |   वही सर्वाक्ष उसके होंठो को बेहद प्यार से चूमते हुए उसके अंदर खुद को मेहसूस करने लगा | थोड़ी देर में रात्रि भी रिलैक्स हो कर उसका साथ देने लगी | दोनो का शरीर एक दूसरे से लिपट गया था और दोनो ही पसीने से भीगते ही जा रहे थे |     सर्वाक्ष उससे अभी भी अलग नही हुआ था | वह लगातार उसमे खुद को मेहसूस करते हुए कभी वाइल्ड होता तो कभी सॉफ्ट,....आज उसने रात्रि और अपने बीच के सारे परदे हटा दिया था | सुबह के 7 बजे की आस पास सर्वाक्ष रात्रि से अलग हो कर लेट गया | रात्रि पूरी तरह थक गई थी |   सर्वाक्ष ने उसे एक नजर देखा फिर उठ कर वाशरूम चला गया | थोड़ी देर बाद वह रात्रि के लिए अपना एक शर्ट और हल्का गीला हुआ टॉवल ले कर रात्रि के पास आया | रात्रि का पूरा बदन टूट रहा था | जिस वजह से वह चाह कर भी अपने आंखे बंद कर सो नही पा रही थी |    वही सर्वाक्ष ने उसे पहले साफ किया फिर आराम से उसे शर्ट पहनाया | रूम में अब हल्के हल्के से रोशनी आ रही थी ,रात्रि घड़ी में टाइम देखते हुए अक्ष से बोली,""_ अक्ष...8 बजे मुझे कॉलेज जाना है |     सर्वाक्ष का पूरा ध्यान रात्रि को साफ करने में था क्यों की उसकी वाइल्डनेंस के वजह से ब्लैंकेट में हल्का हल्का सा रात्रि का खून भी लगा हुआ था | सर्वाक्ष ने आराम से उसे अपने गोद में उठा कर बेडशीट को हटाया फिर वापस से रात्रि को सुला दिया |   रात्रि अंधखुली आंखो से उसे ही देख रही थी | सर्वाक्ष फिर उसे आराम से अपने बाहों में लिए लेट गया | उसने रात्रि को ज्यादा ही थका दिया था | और उसके बाहों में जाते ही रात्रि की आंखे बंद होने लगे थे | वह अलसाई आवाज में बोली,""_ अक्ष...,कॉलेज...? "   " आज तुम कही भी जाने की हालत में ही नही हो बीवी,चुपचाप सो जाओ | " सर्वाक्ष उसके ऊपर ब्लैंकेट खींचते हुए बोला | रात्रि को गुस्सा आ गया उसकी वजह से ही तो उसका ऐसा हालत हुआ था ? वह इस वक्त बहस करने की हालत में नही थी तो अपने आंखे बंद कर सो गई |    दुपहरे के बारह बजे की आस पास रात्रि की आंखे धीरे से खुले | सर्वाक्ष उसके बगल में ही लेट कर उसके लटो से खेल रहा था | वह अपना सर घुमा कर उसे देखी, सर्वाक्ष के चेहरे पर कोई भाव नही था | लेकिन वह एक टक उसे निहार जरूर था |    रात्रि हल्के से मुस्कुराते हुए उसके चेहरे को अपने हाथो में भर कर उसके माथे पर किस की ,फिर भारी भारी से उसके दोनो गालों पर किस की | रात्रि की मुलायम सी होंठो को मेहसूस कर सर्वाक्ष के आंखे सुकून से बंद हो गए | लेकिन अचानक से उसके दिमाग में क्रियाँश घुमा ,उसे कल रात ही पता चला था की क्रियाँश की गंदी नज़र रात्रि पर ही है |    वही रात्रि धीरे धीरे सर्वाक्ष को किस कर रही थी लेकिन सर्वाक्ष का ठंडा औरा देख वह रुक गई | वही क्रियाँश को याद कर सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया था | लेकिन रात्रि की चेहरे पर अब दर्द नज़र आने लगा था ,वह हल्के से करहाते हुए अपने बाजू को देखी, सर्वाक्ष का एक हाथ उसके बाजू में कसते ही जा रहा था | वह धीमी आवाज में सर्वाक्ष को आवाज लगाई,""_ अक्ष.... आहह...| "    रात्रि की आवाज थोड़ा दर्द भरा था क्यों की सर्वाक्ष ने ज्यादा ही कस कर उसके बाजू को पकड़ लिया था | सर्वाक्ष जल्दी से अपने आंखे खोल कर रात्रि को देखा,रात्रि अपने आंखो में हल्का नमी लिए उसे ही देख रही थी | वह अपने बाजू में से उसका हाथ हटाने की कोशिश करते हुए बोली,""_ मुझे दर्द हो रहा है | "    सर्वाक्ष ने जल्दी से अपना हाथ हटा कर उससे अलग होते हुए बोला ,""_ i am sorry बीवी...| "     सर्वाक्ष उठ कर बालकनी में चला गया | रात्रि अपना बाजू सहलाते हुए उसे ही जाता हुआ देख रही थी ,सर्वाक्ष को अचानक से क्या हुआ ? रात्रि को समझ ही नही आया था | वह धीरे से बेड से उतर कर उसके पीछे चली गई |      क्या होगा इनकी जिंदगी में आगे ? रात्रि को आखिर बदला किससे लेना है ? और क्रियांश जादव कोन है और अचानक से रात्रि को क्यों चाहा रहा है ? जानने के लिए पढ़ते रहिए   Â

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