Back
/ 81
Chapter 14

chapter 14

Love With My Beast Husband

अब आगे .......,    रात्रि अपने आंखे बंद कर सिहरते हुए सर्वाक्ष के बाहों में खड़ी थी | सर्वाक्ष के होंठो जिस तरह रात्रि के गाल और इयरलोब पर घूम रहे थे वैसे ही उसके लंबे लंबे उंगलियां रात्रि की कमर में हरकत कर रहे थे | खड़े खड़े ही रात्रि की हालत खराब हो रही थी |       वह अपने एक पैर को दूसरे पैर से अजीब तरह से रब करते हुए अपने निचले होंठो को चबा रही थी | सर्वाक्ष ने उसे ज्यादा ही बहका दिया था और अब रात्रि के मुंह से हल्के हल्के से सिसकियां भी निकल रही थी |    सर्वाक्ष उसके गालों पर किस करते हुए उसे कमर से उठा कर किचन कांउटर पर बैठा दिया | रात्रि की धड़कने अब तेज हो चुके थे | वह तेज़ तेज़ सांस लेते हुए सर्वाक्ष को देखी, सर्वाक्ष भी बहक चुका था,वह अपने आंखो में बेहद नशा सा लिए उसे ही देख रहा था |       वह हल्के से अपना सर टेढ़ा करते हुए रात्रि की होंठो के तरफ झुका | वही बेचैनी से रात्रि की होंठ कभी हल्के से खुलते तो कभी अपने ही दांतो के बीच दब जाते | एहसास बहुत ही नया और बेहद खूबसूरत सा था |    सर्वाक्ष ने उसके होंठो को धीरे से अपने होंठो के गिरफ्त में ले लिया | वही रात्रि की दोनो हाथ सर्वाक्ष के शर्ट में कस गए | वह सर्वाक्ष के किस का रिस्पांस देना चाही लेकिन सर्वाक्ष उसे रिस्पॉन्स देने का मौका ही नही दे रहा था | वह बेहद वाइल्ड हो कर बिना रुके उसके होंठो को हल्के से चबाते हुए चूम रहा था |       और उसकी वाइल्डनेस के वजह से रात्रि की सांसें कुछ ही मिनटों में फूलने लगे | वह छटपटाते हुए सर्वाक्ष के सीने में मारने को हुई ,की तभी सर्वाक्ष खुद ही उसके होंठो को रिहा कर दिया |        रात्रि तेज तेज सांस लेते हुए अपने उखड़ी हुई सांसों को नॉर्मल करने लगी | वही सर्वाक्ष अपने निचले होंठो को अंगूठे से सहलाते हुए बस रात्रि को देख रहा था | वह फिर रात्रि की बेहद करीब जा कर बोला,""_ mmmm your lips are....... ?   " Knock.., knock.......| "    सर्वाक्ष फिर से रात्रि के होंठो के तरफ झुकते हुए अपनी बात पूरा कर ही रहा था,की तभी किचन रूम का door knock हुआ |      रात्रि हड़बड़ाते हुए सर्वाक्ष को खुद से दूर धखेल कर काउंटर से नीचे उतरने लगी,लेकिन रात्रि की बदकिस्मती उसका पैर ही स्लिप हुआ और वह धड़ाम से नीचे गिर गई |     " अह्ह्ह्ह्ह.....| "     रात्रि......भाभी.......!! "   रात्रि को नीचे गिरता देख सर्वाक्ष और door के पास खड़े रवीश एक साथ रात्रि को आवाज लगाए | वही रात्रि अपना पैर पकड़ कर कराह रही थी |    सर्वाक्ष को गुस्सा आ गया ,यह लड़की सुबह भी ऑफिस में यही हरकत करते हुए अपने कमर पर चोट लगवा ली थी और अब पैर...? वह गुस्से से नीचे बैठ कर उस पर चिल्लाते हुए बोला ,""_ क्या जरूरत थी तुम्हे इस तरह कूदने की ? हां ? तुम्हे थोड़ा तो होश भी रहता है ? कोई भी काम तुमसे आराम से होता ही नही रात्रि,सुबह कमर और अब पैर ? ख्याल नही रख सकती अपना ? "   सर्वाक्ष गुस्से से इतना चिल्ला उठा था की रात्रि सहम कर दर्द से करहाना ही भूल गई थी | लेकिन उसके आंखो से आंसू जरूर बहने लगे थे | सर्वाक्ष उसे घूरते हुए उसके पैर को ध्यान से देख रहा था | रात्रि की पैर में हल्का सा मोच आ गया था |    वही रवीश सर्वाक्ष के पास आ कर कहा ,""_ भाभी को पहले ही दर्द हो रहा है अक्ष...और ऊपर से तुम उन पर चिल्ला रहे हो ? "    रात्रि को रोना आ गया था | वह रोते हुए रवीश से बोली,""_ इन्हे....,इन्हे अब मुझसे प्यार ही नहीं रहा भाई,मैने सुना था शादी के बाद आदमी अपनी औरत से प्यार करना बंद कर देगा,बिलकुल सही सुना था मैंने यह अब मुझसे प्यार ही नहीं करते......| "    रात्रि की बात सुन सर्वाक्ष की बाहें तन गए | यह लड़की क्या बकवास कर रही है ? वह अपने दांत टटोरते हुए बोला ,""_ बकवास बंद करो बीवी वरना ....?  "    रात्रि सहम कर अपना सर नीचे झुका ली | वही सर्वाक्ष अपनी बात को अधूरा छोड़ कर उसे अपने गोद में उठा कर रूम के तरफ चला गया | वही रवीश को सर्वाक्ष से कुछ जरूरी बात करना था, वह अपने घड़ी में टाइम देखा फिर परिशानी से बाहर चला गया |   दुसरी तरफ......,        एक आलीशान विला के थोड़ी दूरी पर आ कर एक प्राइवेट जेट लैंड हुआ | उसमें से क्रियांश बाहर आ कर अपने बॉडी स्ट्रेच करते हुए एक गहरी सांस लिया | फिर विला के तरफ जाने लगा |     जेट में से सीजे का एक आदमी जो सीजे का पर्सनल असिस्टेंट था ,वह भी बाहर आया | लेकिन वह थोड़ा परिशान लग रहा था | वह जल्दी से सीजे के पीछे भागते हुए बोला,""_ सीजे.....,उस लड़की की शादी हो गई है | "    क्रियाँश के कदम अपने आप रुक गए | वही वह आदमी डर से अपने थूक निंगलते हुए सीजे के करीब जा कर धीमी स्वर में बोला,""_ उस लड़की का पीछा करते करते हमारा एक आदमी उस सर्वाक्ष के आदमियों के कैद में फस गया है | "     क्रियाँश की आइब्रोज सिकुड़ गए | वह ना समझी में उस आदमी को देख गुस्से से पूछा ,""_ क्यों ..? उस गैंगस्टर की हिम्मत कैसे हुई मेरे आदमी को कैद करने की ? "     क्रियाँश का असिस्टेंट धीरे से बोला ,""_ वह लड़की अब उस गैंगस्टर की ही बीवी बन गई है ,सीजे | "  क्रियाँश की हाथो की मुट्ठी भींच गई | वह गुस्से से चिल्ला कर बोला ,""_ वह जिसकी भी बीवी हो मुझे वह चाहिए मतलब चाहिए | "   क्रियाँश गुस्से से वहा चला गया |      खुराना मेंशन......   सर्वाक्ष का रूम.....  सर्वाक्ष रात्रि को आराम से बेड पर लेटा कर उसके पैर को देख रहा था | रात्रि बार बार अपना पैर पीछे लेने की कोशिश कर रही थी क्यों की उसे दर्द मेहसूस हो रहा था, लेकिन सर्वाक्ष के डर से वह उफ्फ तक कह नही पा रही थी |     " अअह्ह्ह्ह्ह...अक्ष.......| " अचानक से रात्रि चिल्ला पड़ी क्यों की सर्वाक्ष ने उसके पैर को दबाते हुए हल्के से मगर थोड़ा टेक्निक से मरोड़ा था ताकि रात्रि का मोच ठीक हो सके |    रात्रि जोर जोर से रोने लगी,वह रोते हुए ही सर्वाक्ष से बोली,""_ आपने मेरे पैर तोड़ डाला अक्ष....? अब मैं कैसे चल पाऊंगी, अअह्ह्ह्ह | "     रात्रि की आंखो से मोटे मोटे आंसू गिरने लगे थे | वही सर्वाक्ष अपना सर ना में हिलाते हुए उसके बेहद करीब जा कर उसके सर को अपने सीने से लगाते हुए सख्ती से पूछा ,""_ अब तुम्हे दर्द भी हो रहा है ? "     रात्रि उसे गुस्से से खुद से दूर धखेल कर उसे कुछ सुनना चाही लेकिन उसे मेहसूस हुआ की उसके पैर में अब दर्द ही नहीं हो रहा है | वह अपने पैर थोड़ा घुमाते हुए देखी,उसे अब दर्द ही नहीं हो रहा था | वह फिर हैरानी से सर्वाक्ष को देखी |    सर्वाक्ष बिना भाव के बस उसे ही देख रहा था |  फिर उसने रात्रि के आंसू पोछते हुए कहा ,""_ अब तुम रेस्ट करो मैं चलता हु | "    रात्रि ना समझी में उससे पूछी,""_ चलता हु मतलब ? इतनी रात को आप जा कहा रहे है सर्वाक्ष? "   रात के 9 बज गए थे | और रात्रि नही चाहती थी की सर्वाक्ष इस वक्त बाहर जाए क्यों की सर्वाक्ष के बिना उसे नींद ही नही आने वाला था |  "  अक्ष.....? " रवीश बाहर से ही सर्वाक्ष को आवाज लगाया | रात्रि और सर्वाक्ष की नजर डोर की तरफ गई | सर्वाक्ष ने एक नजर रात्रि को देखा फिर उठ कर बाहर चला गया |     सर्वाक्ष बाहर जा कर रवीश से कहा ,""_ what's wrong...? "  रवीश ने उसे परिशान भरी आवाज में कुछ कहा, जिसे सुन सर्वाक्ष का औरा एक दम से सर्द हो गया ,वह थंडेंपन से इतना ही गुनगुनाया,""_ mmm....| "    रवीश वहा से चला गया | वही सर्वाक्ष अपना गर्दन हल्के से रब करते हुए अपने मन में बोला,""_ रात्रि के सोने से पहले ही मुझे काम खतम कर घर आना होगा ,वरना यह लड़की फिर से चिल्लाते हुए रोने लग जाएगी | "    " अक्ष.....अक्ष.. आप चले गए ? " सर्वाक्ष को आवाज लगाते हुए रात्रि बाहर आई | सर्वाक्ष मुड़ कर उसे देखा ,फिर उसे एक ही झटके में अपने गोद में उठा कर रूम में जाते हुए बोला ,""_ नही बीवी...., मै यही हू | "      To be continued..... Â

Share This Chapter