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Chapter 10

chapter 10

Love With My Beast Husband

अब आगे .........,   सुबह का वक्त......     किडकी से आ रही धूप की किरणों से बचने के लिए रात्रि अपने चेहरे को सर्वाक्ष के सीने में छुपाने करवट बदल ली लेकिन तभी उसे ऐसा लगा की बेड पर उसके अलावा कोई नहीं है | वह नींद में ही अपने हाथ को इधर उधर घुमाई,उसे अपने आसपास सिर्फ खालीपन मेहसूस हुआ,तो वह कसमसाते हुए अपने आंखे खोल कर पूरे रूम में देखी |          सर्वाक्ष उसके रूम में ही नही था | रात्रि मायूसी से उठ कर अपने में ही बड़बड़ाते हुए बोली ,""_ कल तो आप कह रहे थे  की आप मुझे अपने साथ ही घर ले जाएंगे,लेकिन अभी....? "     रात्रि बोलते बोलते रुक गई क्यों की उसकी नज़र पास में ही रखे हुए टेबल पर चिपकाए हुए एक नोट पर गया था | उस नोट मे कुछ लिख कर सर्वाक्ष ने ही वहा चिपका दिया था |     रात्रि जल्दी से उठ कर उस नोट को पढ़ने लगी |  " My Little wifey...., don't be scared..I am always with you..., मुझे कुछ अर्जेंट काम आया तो मुझे पहले ही निकलना पड़ा, कॉलेज खत्म होते ही तुम्हे लेने रविश आ जाएगा.. -- Your Beast husband - सर्वाक्ष "       Note पढ़ने के बाद रात्रि को थोड़ा अच्छा फील हुआ | वह मुस्कुराते हुए बोली,""_My Beast husband...| "    रात्रि फिर वाशरूम में भाग गई | थोड़ी देर बाद वह फ्रेश हो कर बाहर आई,फिर रेडी हो कर वह कॉलेज के लिए निकल पड़ी |    दुसरी तरफ.....,    सर्वाक्ष का कार एक सुनसान रास्ते में हवा को चीरते हुए दौड़ रहा था |       वही बैक सीट पर बैठे हुए सर्वाक्ष का औरा बेहद सख्त था | उसके दिमाग में इस वक्त रात्रि ही घूम रही थी | वह एक टक पीछे छूट रही सड़को को देखते हुए रात्रि के बारे में सोच रहा था | कल वह लड़की फिर से घबरा गई थी ,जब वह हॉस्टल जा कर रात्रि का हालत देखा तो उसका दिल ही बैठ गया था |    वह अपने मन में बोला,""_वह कल रात फिर घबरा गई....,मुझे अब उसे अकेला ही नहीं छोड़ना चाहिए...,hmmm वह कौन है जो मेरी रात्रि को मारना चाहता है.? किस इंसान से वह इतना डर रही है ? मुझे इसका जल्द से जल्द कुछ सोल्यूशन ढूंढना होगा वरना यह बुरा सपना रात्रि का हालत इससे भी बदतर बना देगा | "    सर्वाक्ष एक गहरी सांस लेते हुए अपना सर सीट को टिका कर अपने आंखे कसके बंद करा | वही ड्राइविंग सीट पर रवीश बैठा हुआ था | वह फ्रंट मिरर से कब से सर्वाक्ष का परिशान चेहरा ही देख रहा था | वह उससे पूछा ,""_ whats wrong अक्ष....?    सर्वाक्ष बिना अपने आंखे खोले ही जवाब में कहा ,""_ कुछ नहीं... ,बस मुझे उसकी फिकर हो रही है |     रवीश का पकड़ स्टेरिंग पर कस गया | सर्वाक्ष का जवाब सुन उसका मुंह अचानक से बिगड़ गया था | जब से रात्रि आई थी, तब से सर्वाक्ष का बिहेवियर में काफी चेंजेस आ गए थे | वह बेरहम इंसान उस लड़की के सामने अपना बेदर्दी दिखाना ही भूल गया था | दिखाएगा भी क्यों ? वह तो उस गैंगस्टर की दिलरुबा जो थी |     रवीश थोड़ा नारजगी भरी टोन से कहा,""_तुम उससे बहुत प्यार करते हो ?     सर्वाक्ष के होंठो पर बेहद खतिलान मुस्कान तैर गया | वह रात्रि की ख्यालों में कोए हुए अंदाज में बोला ,""_ तुम इमेजिन भी नहीं कर सकते कि मैं उससे कितना प्यार करता हूँ ? मुझे नही पता वह मेरे साथ रहने का नाटक कर रही है या फिर मुझे अपने झूठों की जाल में फसा रही है ? लेकिन उसकी हर एक नाटक का हिस्सा बनने के लिए भी मैं तैयार हूं | "    रवीश एक टक मिरर में सर्वाक्ष को देख रहा था | उसे सर्वाक्ष पर बहुत गुस्सा आ रहा था | वह गुस्से से बोला ,""_ क्या होगा अगर वह तुम्हें अपने झूठी जाल में फसा कर एक दिन मार डाली तो ? आप हमेशा उसके सामने अपने गार्ड्स को भी नही रखते ? अक्ष मुझे वह लड़की बिलकुल ठीक नही लगती | "     सर्वाक्ष अपने आंखे खोल कर रवीश को जवाब में सख्ती से बोला ,""_वह मुझे ठीक लगती है यही काफ़ी है,वैसे भी मै उसके लिए मर मिटने के लिए भी तयार हू | "       रवीश जोर से ब्रेक लगाते हुए कार को रोका,फिर मुड़ कर सर्वाक्ष पर चिल्लाते हुए बोला ,""_ are you crazy अक्ष....?  You gangster.. ,ना सिर्फ बिजनेस वर्ल्ड में बल्कि पूरे अंडरवर्ल्ड मैं हर कोई तुमसे डरता है लेकिन...तुम....,तुम उस लड़की को अपना कमज़ोरी बना रहे हो | "    सर्वाक्ष का बाहें तन गया | उसका प्यार उसके लिए कभी कमजोर नही हो सकता अगर है तो वह उसे मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाला था |   सर्वाक्ष अपना दांत टटोरते हुए बोला ,""_ रात्रि मेरी कमजोरी नहीं मेरी ताकत है रवी | "   रवीश मुंह बनाते हुए बोला ,""_मैं.. मुझे समझ नहीं आता प्यार में लोग इस तरह अंधे क्यों हो जाते ? प्यार जैसा बकवास चीज किसी बेदर्द का भी दिल बहला देता है,मुझे नही लगा था | "    सर्वाक्ष की हाथो की मुट्ठी बन गई | वह गुस्से से बोला ,""_ जब तुम्हे किसी से प्यार होगा ना,तब तुम्हे सब पता चल जाएगा | "   रवीश बेहद कॉन्फिडेंट हो कर बोला ,""_ मुझे किसी से प्यार हो ही नहीं सकता,वैसे भी मैं बेवकूफ थोड़ी ना हूं जो आपकी तरह प्यार में.....| "  "  रवीश......| " सर्वाक्ष ने उसका नाम बेहद सर्द आवाज में लिया तो रवीश का मुंह बन गया | वह मुंह बनाते हुए ही बोला,""_ हम पहुंच गए है |     रवीश कार से बाहर चला गया | वही सर्वाक्ष भी कार से नीचे उतरते हुए उससे बोला ,""_ कुछ देर बाद उसे कॉलेज से ले आओ ....|    रवीश की आंखे छोटी हो गई | वह मुड़ कर सर्वाक्ष को घूरते हुए पूछा ,""_ क्यों ....? "     सर्वाक्ष कार से बाहर आ कर अपना बॉडी स्ट्रेच करते हुए एक टक सामने देख रहा था | वह दोनो इस वक्त एक सुनसान जगह में बने हुए एक विला के सामने खड़े थे | सर्वाक्ष ने कहा ,""_ mmmmm मेरी बीवी वहां नहीं रहना चाहती...,वह हमारे साथ हमारे घर पर ही रहेगी,जाओ जा कर उसे पिक कर लाओ  | "    रवीश पूरी तरह गुस्से में छिड़ गया था | वह सर्वाक्ष को चौकंधा करते हुए बोला ,""_ तुम..... तुम पागल हो.... ,वह... सच में तुम्हें एक दिन अपने जाल में फसा कर मार डालेगी.. फिर तब यह मत कहना कि तुम सही थे | "     सर्वाक्ष उसे बोरियत से एक नजर देखा फिर उसे इग्नोर कर विला के अंदर जाने लगा | वही रवीश भी गुस्से से पैर पटकते हुए उसके साथ चला गया |       कॉलेज में....   रात्रि इस वक्त क्लास रूम में बैठ कर कुछ ड्राइंग कर रही थी | वही उसके थोड़ी ही दूरी पर क्लास के लडको के बीच में बैठे हुए सर्वाक्ष के सारे गार्ड्स लड़को को देख रहे थे | आज किसी की भी नजर गलती से भी रात्रि पर नही जा रही थी | सबकी चेहरे पर इस वक्त बारह बजी हुई थी और सब डर से पसीना पोछते हुए अपने जान को हाथ में ले कर बैठे थे |     कुछ लडको की तो ज्यादा ही हालत खराब थी | उनमें से एक लड़का अपने मन में बोला ,""_ इस लड़की को ताड़ने के चक्कर में कल हम सभी बंदूक की नोक पर आ गए थे...,अगर आज भी हमने उसकी ओर देखने की हिम्मत की...तो हमारा सिर और गोली...दोनो बैंग बैंग होते हुए हमारा काम ही तमाम हो जाएगा |   दूसरी तरफ......      सर्वाक्ष और रवीश उस सुनसान जगह में बनाए हुए विला में गए हुए थे | विला सिर्फ बाहर से आलीशान था, अंदर से वह किसी हेल मेंशन जैसा लग रहा था | हर तरफ खून के धब्बे ही नजर आ रहे थे और वहा का माहोल भी इस वक्त ज्यादा ही डरवाना था |        एक आदमी दर्द से करहाते हुए अपने सामने किसी शैतान की तरह बैठे हुए सर्वाक्ष से अपनी मौत की भीख मांग रहा था | वही सर्वाक्ष के हाथ में इस वक्त खून से सने हुए एक कंजर था | उसके चेहरे पर बेहद डेविल स्माइल बिखरा हुआ था | वह उस खून से सने हुए खंजर को देखते हुए बेहद भारी मगर बेहद ठंडे लहजे में बोला ,""_ मैने कहा था ना मिस्टर गुप्ता मेरे साथ गद्दारी करना मौत का आह्वान करना दोनो एक ही है | "     सर्वाक्ष की नजर उस खंजर पर था, जिसमे से बूंद बूंद का खून टपक रहा था | वही गुप्ता के पूरे शरीर पर खंजर से वार किया गया था | वह दर्द से इतना तड़प उठा था की उसे समझ ही नही आ रहा था की उसके शरीर में कहा कहा से दर्द उठे है ? फिर भी वह सर्वाक्ष से गिड़गिड़ाते हुए बोला ,""_ प्लीज....मुझे माफ कर....... अअह्ह्ह्ह्ह | "    वह आदमी कुछ भी कहता उससे पहले ही सर्वाक्ष ने उसके मुंह में उस खंजर को घुसा दिया,जिससे पूरे विला में उस आदमी की एक दर्दनाक चिक गूंज उठा |    सर्वाक्ष अपने गुस्सैल नज़रे उस पर ही टिकाते हुए पूरी ताकत से अभी भी खंजर को उसके मुंह में घुसा रहा था | वह आदमी हिचकी लेते हुए अपना धम ही तोड़ दिया |         थोड़ी देर बाद वहा सर्वाक्ष के कुछ बॉडीगार्ड्स आ कर मिस्टर गुफ्ता का लाश ले कर चले गए | वही सर्वाक्ष अपना हाथ साफ करते हुए रवीश से कहा ,""_ अब बारी इसके so called boss का ? पता करो वह कहा चुप कर बैठा है ? "  सर्वाक्ष विला से बाहर चला गया |     करीब दो घंटे बाद......       रात्रि अपने सारे क्लासेस अटेंड कर गेट के पास आ खड़ी थी | सर्वाक्ष ने कहा था की उसे रवीश लेने आएगा तो वह वहा उसका ही wait करते हुए खड़ी थी |    रावी इस वक्त अपने एक फ्रेंड के साथ वहा से जा रही थी | तभी उसकी नजर रात्रि पर गई | वह कुछ सोचते हुए उसके पास जा कर उससे पूछी,""_ रात्रि...तुम यहां क्यों खड़ी हो ? "     रात्रि ने उसे एक नजर घूर कर देखा,फिर दूसरी ओर देखते हुए नफरत से बोली,""_ waiting....| "   रात्रि ने बस इतना ही कहा वैसे तो वह यह भी नही कहना चाहती थी लेकिन जब तक वह बताती नही तब तक रावी वहा से जाने वाली नही थी |      तभी वहा रवीश का कार आ कर रुका | ड्राइविंग सीट पर बैठे हुए रवि ने गुस्से से रात्रि को एक नजर देखा ,फिर उससे मुंह फेरते हुए गुस्से से ही बोला ,""_ कार में बैठो....| "  रवीश का रूखापन रात्रि को दिन ब दिन हर्ट कर रहा था | उसका यह गुस्सैल ओरा देख उसे बिलकुल अच्छा नही लग रहा था | वह जा कर बैकसीट पर बैठ गई |   वही खड़ी रावी यह सब नोटिस कर रही थी | उसके चेहरे पर अजीब तरह का स्माइल आ गया था | वह रात्रि के लिए बुरा फील करते हुए बोली,""_ hmmm ऐसा लगता है मेरा प्लान अभी भी काम कर रहा है और यह लोग रात्रि को फिर से अपने कैद कर रहे है और यह रात्रि such a stupid girl....| "   रावी घमंड भरी स्माइल करते हुए वहा से चली गई | रवीश गुस्से से ड्राइव कर रहा था | वही बैकसीट पर बैठे हुए रात्रि को थोड़ा अनकंपर्टेबल फील हो रहा था तो वह आगे के सीट पर आने लगे |     रवीश पहले ही चिड़ा हुआ था | उसका यह हरकत देख कर वह गुस्से से बोला ,""_ what the hell are you doing ? "    रात्रि का माथा तनका ,वह अच्छे से अपने सीट पर बैठते हुए उससे गुस्से से बोली,""_ आपको मुझसे क्या दिक्कत है ? क्यों मुझसे नफ़रत करते है आप ? "     रवीश का पकड़ स्टेरिंग पर कस गया | वह अपने दांत पीसते हुए बोला ,""_ तुम...,पहली बात तुम मेरे अक्ष के लायक नही हो और दूसरी बात मुझे पता है तुम .....,उससे प्यार करने का नाटक कर रही हो ? जरूर तुम्हारे दिमाग में कुछ चल रहा है इसीलिए अक्ष से नफरत करने वाली तुम ,अचानक से उससे ना नुकुर किए ही उससे शादी की..... ,बोलो...तुम यह सब नाटक क्यों कर रही हो ? "     बोलते हुए रवीश ने कार को साइड में डाल दिया | फिर से  रात्रि को सुनाते हुए बोला ,"" _ क्यों तुम्हें इतनी सी बात समझ नहीं आती ? मेरा अक्ष तुमसे प्यार करता है..,वह तुम्हारी रक्षा करने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तयार है लेकिन तुम ....,तुम उसके फीलिंग्स के साथ खेलना चाहती हो ,उसे धोका देना चाहती हो....oh God मैं यह सब तुम्हे क्यों बता रहा हु ? तुमसे कुछ भी कहना ही बेकार है | "    बोलते हुए रवीश ने गुस्से से फिर से कार को स्टार्ट किया | वही रात्रि चुपचाप रवीश को देखने लगी थी | रवीश ने उसके लिए यह सारे राय बना कर रखा है उसे नही पता था | वह बोली,""_ तुम मेरे बारे में गलत सोच रहे हो रवी भाई...,मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगी जिससे अक्ष को नुकसान पहुंचे | "   रवीश ने नाही कुछ कहा और नाही उसके ओर देखा,वह बस ड्राइविंग पर फोकस कर रहा था | वही रात्रि आगे बोली,""_मैं... मैं... जानती हूं कि तुम अक्ष को अपने भाई से भी ज्यादा प्यार करते हो | "     रवीश उसे गुस्से से एक नजर देख कर कार का स्पीड बढाया | उसे रात्रि की बातो में कोई इंटरेस्ट नहीं रहा | वही रात्रि उसे देखते हुए अपने मन में बोली,""_ आख़िरकार पिछले जन्म में.., तुम मेरे अक्ष को बचाने के कोशिश करते करते ही मर गए थे.. लेकिन इस जीवन में नहीं...,जो भी मेरे अक्ष के करीब है, मैं उन्हे मरने नहीं दूंगी | "      रात्रि फिर से रविश से बोली,""_ देखो मैं समझती हूं कि वह मुझसे कितना प्यार करते है ?  वह मेरे लिए कुछ भी करने के लिए तयार है लेकिन मैं भी उनसे दूर नहीं भाग रही... क्योंकि मैं भी उनसे प्यार करती हूं | "    रवीश ने एक नजर फिर से रात्रि को देखा | तभी रात्रि आगे बोली,""_ मुझे भी एहसास हुआ है की मैं सर्वाक्ष से कितना प्यार करती हू, मैं उनके लिए अब मर जाऊँगी... ,लेकिन मैं उन्हे कुछ नहीं होने दूँगी | "      रवीश के पास रात्रि की बातो को समझने तक का पेशेंस नही था | वह तो उसकी बाते सुन ज्यादा ही चीड़ चीड़ मेहसूस करने लगा था | वैसे भी वह लड़की बिना रुके बोलते ही जा रही थी | वह बोला ,""_ अब चुप रहो...| " "  नही नही, आप पहले मेरी बात सुनो....| " रात्रि उसके बात को बीच में ही रोकते हुए बोली |    रवीश उसे घूरने लगा | तभी रात्रि सिल्ली स्माइल करते हुए बोली,""_ मैं वादा करती हूँ कि मैं रात्रि सर्वाक्ष खुराना , सर्वाक्ष खुराना को कभी धोखा नहीं दूंगी,प्लीज मुझे भाभी के रूप में स्वीकार करो,वैसे भी मैं ...bla bla bla..$€$§€§$£€$£$$¢~¢~^£$¢¢^^€..| "   रात्रि बिना सांस लिए ही अपना बकवास जारी रखी | वही रवीश का गुस्सा अब फटने को हो रहा था | उसे तो अब अफसोस हो रहा था की उसने रात्रि का मुंह ही क्यों लगा |         रात्रि : $€$£$££$£$=$$=Â¥%$%$$ ( बकवास करते रहना )      रवीश खुद में ही रोते हुए बोला ,""_ΑΗΗΗΗΗΗΗΗΗΗΗΗ...,कोई आ कर इसका   मुंह क्यों बंद नहीं करता... , ओह गॉड..!! मेरे कान दुखने लगे लेकिन इस लड़की का मुंह नही दुख रहा है ? "    रवीश जोर से ब्रेक लगाते हुए कार को रोका | वही रात्रि उससे बाते करने में busy थी लेकिन इस तरह ब्रेक लगाने से उसका सर आगे जा कर टकरा गया |    " आह्ह्हह्ह......| "    रात्रि अपना माथा सहलाते हुए मासूमियत से रवीश से बोली,""_ it hurts......| "  रवीश अपने दांत टटोरते हुए बोला ,""_ हम पहुंच गए missy......| "      रात्रि अपना माथा सहलाते हुए बाहर की ओर देखी,रवीश उसे मेंशन ना ले जा कर सर्वाक्ष के ऑफिस ले आया था |    रात्रि ना समझी में रवीश से पूछी,""_ यह तो अक्ष का ऑफिस है ? "  रवीश कार से नीचे उतरते हुए बोला ,""_ अक्ष ने मुझसे यही कहा था की तुम्हे यहां ला कर ही फटक दू | "   रवीश का बात करने का टोन देख रात्रि का मुंह बन गया | वह भी नीचे आ कर रवीश के साथ जाने लगी लेकिन रवीश लंबे लंबे कदम रखते हुए आगे बढ़ रहा था | वह उसके पीछे थोड़ा भागते हुए बोली,""_ ओह हो....,ऐसे तेज़ मत चलो...मुझसे चला नही जा रहा | "    रवीश रुक कर उसे घूरा | वही रात्रि ने जल्दी से आ कर उसके कोट को पकड लिया | यह देख वह रात्रि पर चिल्लाने को हुआ लेकिन रात्रि बेहद मासूमियत से पिल्ला जैसा चेहरा बना कर उसे देखी, रवीश फिर पैर पटक कर सर्वाक्ष के केबिन के ओर चलने लगा |    सर्वाक्ष का केबिन.......    सर्वाक्ष इस वक्त वीडियो कांफ्रेंस में अपने एक क्लाइंट से बात कर रहा था | तभी केबिन का डोर खुला ,""_ अक्ष.....| "   रात्रि अक्ष का नाम लेते हुए उसके पास जाने लगी ,वही सर्वाक्ष उसे एक नज़र देख जल्दी से कॉल काट कर लैपटॉप बंद किया |     सर्वाक्ष को देख रात्रि की चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ गया था | वह सीधे जा कर सर्वाक्ष के गोद में बैठते हुए उसके गाल पर किस की |     वही उसके पीछे ही रवीश भी केबिन में आ गया था | लेकिन रात्रि को इस तरह सीधे सर्वाक्ष के गोद में जा कर बैठता देख वह अपना चेहरा दीवार के तरफ कर हल्के से फटकते हुए गुस्से से बडबडा कर बोला ,""_ क्या इस लड़की ने मुझे नही देखा था .? मैं भी तो यहीं हूं....., मेरे सामने ही जा कर उससे चिपक गई | "    वही रात्रि को इतना करीब देख सर्वाक्ष का दिल जोरो से धड़क उठा था | वह रात्रि को अच्छे से अपने गोद में एडजस्ट कर बैठाया,फिर उसके गालों को सहलाते हुए उसके लटो को उसके कान के पीछे सरकाते हुए कुछ कहने को हुआ की तभी रवीश मुड़ कर गुस्से से उन्हे घूरते हुए बोला ,""_ can I get day off ?(क्या मुझे एक दिन की छुट्टी मिल सकती है?)     सर्वाक्ष की आंखे छोटी हो गई | वह अपना सर घुमा कर उसे देखा पूछा,""_ क्यों....? "     तभी रवीश गुस्से से रात्रि को घूरते हुए थोड़ा तेज़ आवाज़ में बोला ,""_ क्यों की तुम्हारी यह प्यारी सी बीवी.....मेरे सर के साथ साथ मेरे कान भी खा गई है ,मुझे आराम की जरूरत है ...., अक्ष तुम कैसे झेल रहे हो इस लड़की को ? यह लड़की पिछले 20 मिनट में इतना बोल गई की जितना मैं 3 दिन में बोलता हूं ,और तुम्हे तो पूरा साल लगता होगा | "  रात्रि का मुंह बन गया था | वह मासूमियत से सर्वाक्ष को देखने लगी | रवीश की बात सुन सर्वाक्ष भी अब उसे ही देख रहा था | तभी वह बोली,""_ मैने इन्हे इतना भी नही पकाया अक्ष....| "    क्या होगा आगे इस कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए     Â

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